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पीएम के कार्यों से हूं प्रभावित... भाजपा में शामिल हुए सी राजगोपालाचरी के परपोते सीआर केसवन

कांग्रेस को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं. एक और प्रमुख नेता ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का साथ अपना लिया है. प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के प्रपौत्र सीआर केसवन आज भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने कांग्रेस पर खुद की उपेक्षा का आरोप लगाया है. उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है.

भाजपा में शामिल हुए सीआर केसवन भाजपा में शामिल हुए सीआर केसवन
अक्षय डोंगरे
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST

कांग्रेस का साथ छोड़कर जाने वालों का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में एक नाम सीआर केसवन का भी जुड़ गया है. सीआर केसवन प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के प्रपौत्र हैं. वह शनिवार को नई दिल्ली में भाजपा के मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए. उन्हें जनरल वीके सिंह ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई. इस मौके पर सीआर केसवन ने कहा कि 'मैं जनरल वीके सिंह को सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी में मुझे औपचारिक रूप से शामिल करने के लिए धन्यवाद देता हूं.' इसके साथ ही उन्होंने मैं पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का भी आभार जताया. 

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डिजिटल इंडिया की सराहना की

भाजपा में शामिल होते हुए सीआर केसवन ने कहा कि, जब दुनिया कोविड-19 के संकट से जूझ रही थी, तब पीएम ने निस्वार्थ कोविड योद्धाओं की मदद से चेहरे पर मुस्कान के साथ उस चुनौती को स्वीकार किया. पीएम मोदी की जन केंद्रित नीतियां, सुधार आधारित समावेशी विकास ने भारत को दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में पहुंचा दिया है. उन्होंने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया. मैं अपने परिवार के उन लोगों को जानता हूं जिन्हें पीएम आवास योजना में घर दिया गया है, इसके साथ ही उन्होंने डिजिटल इंडिया की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल परिवर्तन अतुलनीय है. गरीबों का लाभ पहले बिचौलियों द्वारा लूटा जाता था, जो अब बंद हो गया है. 

23 फरवरी को दिया था इस्तीफा

बता दें कि कांग्रेसी रहे सीआर केसवन ने बीते 23 फरवरी को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा शेयर किया था. इस ट्वीट में उन्होंने पार्टी द्वारा खुद की उपेक्षा किए जाने के भी आरोप लगाए थे. सीआर केसवन ने कहा था कि पार्टी ने उनके दो दशकों से अधिक समर्पण के साथ किए गए काम की कोई कद्र नहीं की, जिसके कारण उन्हें ये कदम उठाना पड़ा. केसवन ने अपने इस्तीफे में कहा था कि किसी भी विपक्षी राजनीतिक दल के पास लोगों के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित सोच और संदेश होना चाहिए. उन्हें आदर्श रूप से जन-केंद्रित मुद्दों को उठाना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से, समय के साथ मैंने महसूस किया कि कांग्रेस पार्टी का रवैया और दृष्टिकोण शायद ही कभी ठोस और सुसंगत रही हो.'

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