
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. कथित शराब घोटाले के बाद अब दिल्ली सरकार पर बिजली सब्सिडी में अनियमितता बरतने का आरोप लगा है. इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल को एक शिकायती पत्र मिला है. जिसके बाद एलजी ने जांच के आदेश दे दिए हैं और 7 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
एलजी ने मुख्य सचिव से बीएसईएस डिस्कॉम को आप सरकार से मिलने वाली बिजली सब्सिडी में 'अनियमितताओं और विसंगतियों' की जांच के लिए कहा है.
एलजी सचिवालय के मुताबिक शिकायत दिल्ली संवाद आयोग की अध्यक्ष जैस्मीन शाह और आप से राज्यसभा सांसद एन डी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता के खिलाफ है.
एलजी ने मुख्य सचिव से 7 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है. एलजी ने यह भी पूछा है कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने 19 फरवरी 2018 को सरकार को डीबीटी के माध्यम से बिजली सब्सिडी के भुगतान का आदेश दिया है. फिर अब तक इसे लागू क्यों नहीं किया गया.
आदेश में कहा गया था कि जीएनसीटीडी लाभार्थियों को बिजली सब्सिडी हस्तांतरित करने पर विचार कर सकता है. ऐसा ही एलपीजी सब्सिडी के वितरण के मामले में सरकार पहले से ही कर रही है.
एलजी सचिवालय को मिली शिकायत में बिजली सब्सिडी मामले में अनियमितता और विसंगतियों से जुड़े कई मुद्दे उठाए गए हैं. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता के साथ हीडायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली DDC की उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह और आप सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता ने एक बड़ा घोटाला किया है.
अनिल अंबानी समूह के मलिकाना हक वाली प्राइवेट कंपनी डिस्कॉम, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड में केजरीवाल सरकार ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की नियुक्ति की थी. दिल्ली सरकार के पास प्राइवेट DISCOMS के 49% शेयर भी हैं.
आरोप है कि DISCOMS ने लोगों से 18% की दर से लेट पेमेंट सरचार्ज किया और दिल्ली सरकार के स्वामित्व वाली बिजली कंपनियों को 12% की दर से भुगतान किया. इस प्रक्रिया में उन्हें एक अप्रत्याशित लाभ दिया गया. इसके चलते दिल्ली सरकार के खजाने पर 8,500 करोड़ का बोझ पड़ा.