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ममता की हत्या वाले बयान पर बोले दिलीप घोष- सहानुभूति के सहारे वोट पाने की कोशिश

दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी अचानक जेल जाने की बात क्यों कह रही हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि वो आगामी चुनाव के बाद जेल जा सकती हैं. वह कर रही हैं कि कुछ लोग उनकी हत्या करने के लिए साजिश रच रहे हैं लेकिन कोई ऐसा अपराध क्यों करेगा?

ममता बनर्जी पर दिलीप घोष का निशाना (फाइल फोटो) ममता बनर्जी पर दिलीप घोष का निशाना (फाइल फोटो)
मनोज्ञा लोइवाल
  • कोलकाता,
  • 13 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST
  • बंगाल में बीजेपी और टीएमसी में जुबानी जंग
  • ममता के मंंत्री के बयान पर बोले दिलीप घोष
  • सहानुभूति के सहारे वोट पाने की कोशिश

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बयानबाजी चरम पर है. इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि प्रदेश सरकार को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है इसलिए सहानुभूति बटोरने के लिए कुछ भी बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अचानक जेल जाने की बात क्यों कह रही हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि वो आगामी चुनाव के बाद जेल जा सकती हैं. वह कह रही हैं कि कुछ लोग उनकी हत्या करने के लिए साजिश रच रहे हैं लेकिन कोई ऐसा अपराध क्यों करेगा? वो पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लोगों का वोट पाने के लिए इस तरह के बयान दे रही हैं, जिससे कि उन्हें लोगों की सहानुभूति मिल सके.   

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दरअसल ममता सरकार के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा था कि अगर बीजेपी विधानसभा चुनाव में नहीं जीती तो ममता बनर्जी की हत्या करा सकती है. सुब्रत मुखर्जी ने कहा, 'अगर बंगाल में बीजेपी चुनाव हार गई, तो ममता बनर्जी की हत्या की साजिश रच सकती है बीजेपी.' दिलीप घोष ने इसी बयान पर पलटवार करते हुए यह बात कही है. 

विधानसभा चुनाव में कुछ महीने बाकी हैं और बीजेपी ने ममता बनर्जी को घेरने के लिए सेना तैयार कर ली है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में दक्षिण बंगाल का दो दिवसीय दौरा किया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भगवा पार्टी के नेताओं के बीच वाकयुद्ध से इस जंग की शुरुआत भी हो चुकी है. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र डायमंड हार्बर में बीते गुरुवार को जेपी नड्डा और बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर हमला किया गया.

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नड्डा ने डायमंड हार्बर को अपनी रैली के लिए चुना, जिसका अपना महत्व है. राज्य की राजधानी कोलकाता से मात्र 50 किलोमीटर दूर स्थि‍त इस सीट से अभिषेक बनर्जी ने लगातार दूसरी बार 3.2 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की. दरअसल, घनी आबादी वाले दक्षिण 24 परगना जिले को टीएमसी के गढ़ के रूप में जाना जाता है. 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने जिले की 31 में से 29 सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया था.

बीजेपी को अच्छी तरह से पता है कि 2021 में ममता को मात देने के लिए उसे उनके गढ़ दक्षिण बंगाल में सेंध लगाने की जरूरत है. 294 सीटों वाली विधानसभा में 64 सीटें सिर्फ 24 परगना उत्तर और दक्षिण को मिलाकर हैं. 2016 में बीजेपी को यहां एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी.

 

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