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अविश्वास प्रस्ताव पर 'INDIA' में अनबन! खड़गे को इस बात पर विपक्षी दलों से मांगनी पड़ी माफी

मणिपुर हिंसा के मामले में कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन सरकार पर हमलावर हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंप दिया. इस पर विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने नाराजगी जताई. उनका कहना है कि हमें मैसेज देना था कि हम सब एकसाथ हैं, लेकिन कांग्रेस अकेले चली गई. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके लिए माफी मांगी और आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाएगा.

अविश्वास प्रस्ताव पर अनबन के बाद खड़गे ने विपक्षी नेताओं से माफी मांगी (फाइल फोटो- PTI) अविश्वास प्रस्ताव पर अनबन के बाद खड़गे ने विपक्षी नेताओं से माफी मांगी (फाइल फोटो- PTI)
मौसमी सिंह
  • दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:04 AM IST

मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के सदस्य मणिपुर हिंसा को लेकर  PM मोदी और केंद्र सरकार को लगातार घेर रहे हैं. इसके लिए पूरी रणनीति के साथ काम हो रहा है. इसमें विपक्ष के नेताओं के दफ्तरों में डेली बेसिस पर सुबह होने वाली बैठकों का शेड्यूल तय करना हो या फिर AAP के निलंबित सांसद संजय सिंह के साथ एकजुट होकर बैठना भी शामिल है. लेकिन 26 जुलाई को विपक्ष की इस एकता में गतिरोध आ गया. 

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दरअसल, लोकसभा में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सुबह 9.20 बजे अविश्वास प्रस्ताव सौंप दिया. जबकि विपक्षी गठबंधन  I.N.D.I.A.के सदस्य सुबह 10 बजे अपनी नियमित बैठक के लिए एकत्र हुए थे. जब उन्हें इस बारे में पता चला तो विपक्षी दलों के नेताओं ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्थिति को संभाल और गठबंधन के साथी सदस्यों को शांत किया.

विपक्ष के एक नेता ने कहा कि जो अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा गया था, उस पर साइन करने वाले 49 लोगों को भी बीजेपी सरकार को स्पष्ट और जोरदार संदेश देने के लिए एकजुट होकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाना था, हमें मैसेज देना था कि हम सब एकसाथ हैं, लेकिन कांग्रेस अकेले चली गई.

खड़गे ने कहा- ऐसा दोबारा नहीं होगा

सूत्रों ने आजतक को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके लिए माफी मांगी और आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाएगा. इसे दोबारा नहीं दोहराया जाएगा. समाजवादी पार्टी, TMC, शिवसेना (UTB), लेफ्ट और  DMK समेत कई नेताओं ने कांग्रेस के अकेले नोटिस सौंपने का मुद्दा उठाया. एक वरिष्ठ सांसद ने कहा कि खड़गेजी ने कहा कि कुछ गलत कम्युनिकेट हुआ था और मुझे इसके लिए खेद है. इस मामले को सुलझा लिया गया है.

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सोनिया गांधी ने संजय सिंह से क्या कहा?

इस कवायद के बाद कांग्रेस ने इसमें तुरंत सुधार किया. इसके तुरंत बाद सोनिया गांधी ने गेट नंबर -1 पर संजय सिंह और अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की, जहां उन्होंने यह कहा कि 'हम आपका समर्थन करते हैं.' इसके बाद गुरुवार को विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के सभी सदस्य विरोध स्वरूप काले कपड़े पहने नजर आए. इतना ही नहीं, सदन के स्थगन के बीच विपक्षी गठबंधन के सदस्य गांधी प्रतिमा के पास संजय सिंह के साथ बैठे हुए नजर आए. हालांकि थोड़ी देर बाद खड़गे अंदर चले गए. उन्होंने साथी सदस्यों को समझाने की कोशिश की कि उन्हें अपना विरोध 24 घंटे के धरने के बजाय सदन चलने के समय तक ही सीमित रखना चाहिए. संजय सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि वह भारत परिवार के सबसे बड़े बुजुर्ग हैं और वह जो कहेंगे, वे उसका पालन करेंगे.

'विपक्षी गठबंधन की जीत होगी'

तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन के मुताबिक जब से I.N.D.I.A. गठबंधन बना है, तब से बीजेपी एक्टिव मोड में आ गई है. बेंगलुरु में विपक्षी दलों की मीटिंग का मुकाबला करने के लिए उन्होंने दिल्ली में NDA की बैठक की. उन्होंने कहा कि पहले पीएम मोदी ने कहा था कि पीएम बनाम ऑल हैं, लेकिन अब आप एनडीए की मीटिंग कर रहे हैं. अपने गठबंधन का विस्तार कर रहे हैं. टीएमसी नेता ने कहा कि हम सदन में धरने की घोषणा करते हैं और बीजेपी सांसद हमसे पहले जवाबी धरना देते हैं, विपक्षी गठबंधन एकसाथ मिलकर रणनीति बना रहा है और हम जीतेंगे.

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद में I.N.D.I.A. की पार्टियों का स्टैंड  बिल्कुल स्पष्ट रहा है.

1. हम चाहते हैं कि मणिपुर के मौजूदा हालातों के संदर्भ में लोकसभा में I.N.D.I.A. की पार्टियों के जिस अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर ने स्वीकार किया है, उसपर जल्द से जल्द बहस हो. नियमों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होने तक कोई भी विधायी कार्य नहीं हो सकता है.

2. हम चाहते हैं कि मणिपुर मामले पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री बयान दें और उसके तुरंत बाद नियम 267 के तहत चर्चा हो. इसका स्पष्ट मतलब है कि इस नियम के तहत उठाया जाने वाला मुद्दा अन्य सभी मुद्दों से अधिक महत्वपूर्ण है.

यही I.N.D.I.A. की सभी पार्टियों की स्पष्ट मांग है, जिन्हें हम लगातार उठा रहे हैं, ताकि मणिपुर में जो कुछ हुआ है उस पर सामूहिक पीड़ा व्यक्त किया जाए और राज्य में शांति, सद्भाव और समाधान के लिए सामूहिक संकल्प लिए जाएं.

 

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