
"मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं... मेरी व्यक्तिगत मान्यताएं नहीं बदली हैं."
"कांग्रेस का दफ्तर ही मेरा मंदिर है."
"मैं हिंदू ही पैदा हुआ और हिंदू ही मरूंगा."
"कुंभ का आयोजन अभूतपूर्व था, छोटी-मोटी परेशानियां होती है, मैं कमियां निकालने नहीं आया हूं."
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री, कांग्रेस कांग्रेस के अध्यक्ष और बड़े नेता डीके शिवकुमार ने बुधवार को ये बयान बेंगलुरु में दिए. उन्होंने सफाइयां दीं और दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक चल रहे सियासी अफवाहों पर ब्रेक लगाने की कोशिश की. ये अफवाहें कई तरह की हैं- जैसे कि डीके शिवकुमार कर्नाटक का सीएम बनने के लिए आलाकमान पर दबाव डाल रहे हैं. डीके शिवकुमार बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं.
इसके अलावा डीके शिवकुमार ने अपनी कुंभ यात्रा, सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आश्रम की यात्रा और हिंदुत्व पर अपने विचार को लेकर खरी-खरी कही.
बुधवार को अपने आवास सदाशिवनगर में पत्रकारों से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं. और बीजेपी के करीब होने की खबरें बकवास है. उन्होंने कहा- "मैं एक कांग्रेसी के रूप में पैदा हुआ हूं मेरी व्यक्तिगत मान्यताएं वही हैं, लेकिन एक गलत कहानी फैलाई जा रही है कि मैं भाजपा के करीब जा रहा हूं."
डीके शिवकुमार ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि उन्होंने एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से अनुरोध किया है कि वे उन्हें केपीसीसी अध्यक्ष पद पर बने रहने दें. उन्होंने कहा, "यह झूठ है, ये मनगढ़ंत खबरें हैं. ऐसी कई कहानियां गढ़ी जा रही हैं."
'सद्गुरु के ज्ञान का सम्मान करता हूं'
धार्मिक हस्तियों के साथ अपने जुड़ाव को लेकर हाल ही में उठे विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "सद्गुरु मेरे घर आए और मुझे ईशा फाउंडेशन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया. वह मैसूर से हैं और मैं उनकी बुद्धिमत्ता का सम्मान करता हूं. पिछले साल मेरी बेटी उनके कार्यक्रम में शामिल हुई थी. इस बार उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया. इस वजह से सोशल मीडिया पर झूठे दावे किए जा रहे हैं कि मेरा झुकाव भाजपा की ओर है."
बता दें कि डी के शिवकुमार कल कोयम्बटूर स्थित सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा आयोजित शिवरात्रि कार्यक्रम में गए थे. यहां की तस्वीरें भी उन्होंने शेयर की थी.
'हिंदू के रूप में जन्मा था, हिंदू ही मरूंगा'
महाकुंभ मेले और ईशा फाउंडेशन के कार्यक्रम में उनकी भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं हिंदू के रूप में पैदा हुआ था और हिंदू के रूप में ही मरूंगा. मैं सभी धर्मों से प्यार करता हूं और उनका सम्मान करता हूं. जेल में रहते हुए मैंने सिख धर्म का अध्ययन किया. मैंने जैन मठों का भी दौरा किया है. सभी धर्मों के लोग मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं दरगाह और चर्च भी जाता हूं. हर समुदाय मुझे गले लगाता है."
महाकुंभ मेले में अपने अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, "यह अविश्वसनीय था. इतनी बड़ी भीड़ को संभालना आसान काम नहीं है. कुछ छोटी-मोटी असुविधाएं तो होंगी ही, लेकिन मैं यहां खामियां निकालने नहीं आया हूं. आस्था के मामले में, यह भगवान के साथ एक भक्त के रिश्ते की बात है, कुछ लोग सीधे जुड़ते हैं, जबकि अन्य पुजारियों के माध्यम से जुड़ते हैं."
गौरतलब है कि डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार स्वयं भी कुंभ गए थे और वहां डुबकी लगाई थी.
'कांग्रेस महान पार्टी है, नेता आते-जाते रहते हैं'
शशि थरूर की कांग्रेस आलाकमान से कथित दूरियां और उनके भाजपा से जुड़ने के अफवाहों पर कर्नाटक डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस एक लंबी इतिहास वाली महान पार्टी है. इसकी अलग विचारधारा और संस्कृति है. कुछ लोग जल्दबाजी में निर्णय ले सकते हैं, लेकिन इससे पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता. नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन कांग्रेस बनी रहती है. शशि थरूर पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और पार्टी के लिए मजबूत स्तंभ हैं, उनकी एकमात्र मांग है कि उनका अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए, इससे आगे कुछ नहीं.
'AICC का दफ्तर मेरा मंदिर है'
जब उनसे AICC महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के साथ उनकी हाल ही में हुई मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं पार्टी अध्यक्ष हूं, AICC कार्यालय मेरे लिए मंदिर जैसा है. भले ही मैं किसी से न मिलूं, फिर भी मैं कार्यालय जाता हूं क्योंकि यह वही संस्था है जिसने मुझे यह पद दिया है. क्या मैं इसके बजाय भाजपा कार्यालय जाऊंगा?"
AICC कार्यालय में उनकी प्रार्थनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मज़ाक में कहा, "मुझे किसी चीज़ के लिए प्रार्थना करने की ज़रूरत नहीं है. मैंने कोई मीटिंग भी शेड्यूल नहीं की है. मैं बस गया और कर्मचारियों से बात की. "
'सामूहिक नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे'
कर्नाटक कांग्रेस में अभी नेतृ्त्व को लेकर कई कयास चल रहे हैं. ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कर्नाटक का अगला चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इस पर उन्होंने कहा कि, "पार्टी ने 1990 के दशक से ही मुझे तैयार किया है, मुझे मंत्री बनाया, केपीसीसी अध्यक्ष बनाया और अब डिप्टी सीएम बनाया है. अगर मैं इतना कुछ पाने के बाद भी पार्टी के लिए काम नहीं करूंगा, तो मैं किस तरह का नेता रहूंगा? कांग्रेस ने मुझे सशक्त बनाया है और मुझे भी कुछ देना चाहिए."
डीके शिवकुमार ने कहा कि, "मुझे केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, असम, बिहार और हिमाचल प्रदेश में आमंत्रित किया गया है. मैंने 2013 से ही चुनाव अभियानों का नेतृत्व किया है. मेरे पास अनुभव है और इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए. सिद्धारमैया भी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में दो कार्यकाल और सीएम के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए हैं. हम सामूहिक नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेंगे"
'पार्टी के नेतृत्व का सम्मान करूंगा'
इस सवाल पर कि क्या सिद्धारमैया अगले चुनाव तक सीएम बने रहेंगे, उन्होंने कहा, "पार्टी ने सिद्धारमैया को सीएम चुना है. मैं डिप्टी सीएम और केपीसीसी अध्यक्ष हूं. मैं पार्टी के फ़ैसले का सम्मान करता हूं."
कांग्रेस के भीतर गुटबाजी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "एआईसीसी के नेता इसका जवाब देंगे."
'आलोचनाओं का स्वागत है'
बेंगलुरू में टनल रोड प्रोजेक्ट के खिलाफ 28 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के विरोध के बारे में उन्होंने कहा, "उस समय जॉर्ज ने एक स्टील ब्रिज का प्रस्ताव रखा था और भाजपा ने इसका विरोध किया था. अब, वे मेरे इस बयान की आलोचना कर रहे हैं कि भगवान भी कुछ सालों में बेंगलुरू की सड़कों को ठीक नहीं कर सकते. उन्हें आलोचना करने दें; मैं इसका स्वागत करता हूं, वे जितनी आलोचना करेंगे, उतना ही अच्छा होगा. उन्हें विधानसभा में इस पर बहस करनी चाहिए. मैं दीर्घकालिक समाधानों पर ध्यान केंद्रित करता हूं."