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देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल रही हैं NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू

झारखंड राज्यपाल के तौर पर द्रौपदी मुर्मू का कुल 6 साल एक माह 18 दिन का कार्यकाल निर्विवाद रहा है. वहीं विपक्षी दलों में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर झारखंड के ही हजारीबाग निवासी कद्दावर नेता यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति बन गई है.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा की (फाइल फोटो) बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा की (फाइल फोटो)
अशोक सिंघल/पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:54 PM IST
  • बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला
  • विपक्ष ने यशवंत सिन्हा के नाम पर लगाई है मुहर

Draupadi Murmu: दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को संसदीय बोर्ड की बैठक में एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. उन्होंने बताया कि 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी. वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं.

वहीं विपक्ष ने भी मंगलवार को यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुन लिया है. जानते हैं ओडिशा में दो बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुकीं द्रौपदी मुर्मू का कैसा रहा है राजनीतिक करियर.

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ओडिशा की पहली महिला जो राज्यपाल बनीं

ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में जन्मी द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया. वह 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं. द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल हैं. 

बीजेपी एसटी मोर्चा की सदस्य रहीं

2013 में वह बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं. 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था. वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी. वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं.

ओडिशा की सर्वश्रेषठ विधायक चुनी गईं

मुर्मू 2006 से लेकर 2009 तक ओडिशा में बीजेपी एसटी मोर्चा की अध्यक्ष रहीं. उन्हें  ओडिशा विधानसभा ने 2007 सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया था.

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रायरंगपुर सीट से 9 साल विधायक रहीं

द्रौपदी मुर्मू 2000 से लेकर 2009 तक रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक चुनी गईं. उन्हें राज्य परिवहन और वाणिज्य विभाग का मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था. 2002 लेकर 2009 तक वह बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चा की सदस्य रह चुकी थीं. इन्होंने 2002-2004 के बीच मत्स्य पालन विभाग और पशुपालन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाली थी.

बतौर जूनियर असिस्टेंट शुरू किया था करियर

1979 से 1983 तक द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग के जूनियर असिस्टेंट के तौर पर अपना करियर शुरू किया था. इसके बाद 1994 से लेकर 1997 तक रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में बिना वेतन लिए बतौर सहायक शिक्षक पढ़ाया था. इसके बाद 1997 में वह रायरंगपुर से पार्षद चुनी गईं. साथ ही उन्हें बीजेपी राज्य एसटी मोर्चे का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था.

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