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चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि पिछले कुछ सालों में राजनीतिक दलों के बेतहाशा चुनावी खर्च पर लगाम लगाने में सफलता मिली है. इसके लिए आयोग को हर चुनाव में विशिष्ट तौर पर जबरदस्त किलेबंदी करनी पड़ती है.
आयोग ने कहा कि चुनावों में धनबल और कालेधन के इस्तेमाल की समस्या को खत्म करने के उपाय किए जा रहे हैं, जिसका असर भी दिख रहा है. लेकिन अभी भी राजनीतिक दलों, उनके समर्थकों, उम्मीदवारों की शातिर चाल से इनकार नहीं किया जा सकता. दरअसल चुनाव से पहले नकद रुपयों की आवाजाही की जब्ती बढ़ना इसका सबसे बड़ा सबूत है.
आयोग ने कहा कि हालांकि, चुनाव खर्च पर्यवेक्षक और विशेष निगरानी दल अच्छा काम कर रहे हैं.
चुनाव आयोग ने यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका के नोटिस के जवाब में दाखिल किया है. इस याचिका में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे अत्यधिक चुनावी खर्च को रोकने के लिए एक व्यापक योजना के साथ निर्देश देने और दोषी उम्मीदवारों और पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.