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Exit Polls 2022: 8 साल पुराना तिलिस्म तोड़ सकेंगे केजरीवाल? TINA फैक्टर फेल हुआ तो 2024 में विपक्ष को मिलेगा नया चेहरा!

Exit Polls 2022: इंडिया टुडे एक्सिस के एग्जिट पोल के आंकड़े जारी हो चुके हैं. इसमें ये साफ हो गया है कि यूपी में भाजपा प्रचंड बहुमत से सरकार बना सकती है. वहीं उत्तराखंड में भी भाजपा को बढ़त के अनुमान हैं. वहीं गोवा में कांग्रेस और पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार बना सकती हैं. एग्जिट पोल सही साबित हुए तो अरविंद केजरीवाल 8 साल पुराना तिलिस्म तोड़ सकते हैं. साथ ही TINA फैक्टर भी फेल हो सकता है.

पीएम नरेंद्र मोदी और AAP के नेशनल कन्वीनर अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) पीएम नरेंद्र मोदी और AAP के नेशनल कन्वीनर अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST
  • कांग्रेस को पंजाब में 19-31 सीटें मिल सकती हैं
  • उत्तराखंड में भाजपा को 36-46 सीटें मिलने का अनुमान
  • यूपी में बीजेपी को 288 से 326 सीटें मिलने का अनुमान

Exit Polls 2022: उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. नतीजों के लिए 10 मार्च का इंतजार है, लेकिन एग्जिट पोल के जो नतीजे सामने आए हैं, वह इशारा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य में मौजूदा बीजेपी की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करने जा रही है. यानी योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं. लेकिन सबसे बड़ा उलटफेर पंजाब की राजनीति में हो सकता है. इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजों को मानें तो आम आदमी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में 41% वोट लेकर बहुमत से सरकार बना सकती है. इससे साफ है कि पंजाब में अगर आम आदमी पार्टी की सरकार आती है तो 8 साल पुराना तिलिस्म टूट सकता है. साथ ही TINA फैक्टर फेल हो सकता है. क्योंकि 2014 के बाद से ही कहा जा रहा था कि मोदी के सामने कोई विकल्प नहीं है.

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एग्जिट पोल में क्या कह रहे हैं पंजाब के आंकड़े

पंजाब में एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो देश की राजनीति में टीना TINA फैक्टर का जवाब मिल जाएगा. TINA यानि 'देयर इज़ नो अल्टरनेटिव' (There Is No Alternative) फैक्टर है. इस फैक्टर की बात 2014 के बाद से लगातार की जा रही थी. यानी बीजेपी और मोदी के सामने देश की राजनीति में दूसरा और कौन खड़ा हो सकता है. अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो वह मौजूदा समय में देश की ऐसी तीसरी पार्टी होगी, जिसकी एक से ज्यादा राज्यों में सरकार है. फिलहाल बीजेपी के अलावा सिर्फ कांग्रेसी ऐसी पार्टी है, जिसकी एक से ज्यादा राज्यों में सरकार है. गोवा और उत्तराखंड में भी आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा लेकिन वहां उसके हाथ निराशा लग रही है. लेकिन इन दोनों राज्यों में पार्टी खाता भी खोल देती है तो उसके पास खोने को नहीं, बल्कि सिर्फ पाने के लिए है. यानी 2 राज्यों में उसका मजबूत संगठन और कुछ जनाधार होगा जो उसके राजनीतिक भविष्य की नींव होगी.

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एग्जिट पोल में यूपी समेत दूसरे राज्यों का क्या है हाल

इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को 288 से 326 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि सपा गठबंधन को 76 से 101 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं एग्जिट पोल के मुताबिक उत्तराखंड में बीजेपी 36 से 46 सीटें जीत सकती है. बता दें कि उत्तराखंड के गठन के बाद से कभी भी यहां कोई भी पार्टी सरकार में रहते हुए दोबारा सत्ता में नहीं आई है. वहीं बीजेपी गोवा जैसे छोटे राज्य में भी 14 से 18 सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस 15 से 20 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है.

AAP का अगला लक्ष्य ये राज्य होंगे?

पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के बाद आम आदमी पार्टी का अगला निशाना बीजेपी और प्रधानमंत्री का गढ़ राज्य गुजरात और हिमाचल होगा, क्योंकि इसी साल गुजरात और हिमाचल में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पंजाब के नतीजों से गदगद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पूरी ताकत इन दोनों राज्यों में झोंकेगी. दिल्ली मॉडल के नाम पर उन्होंने पंजाब में चुनाव लड़ा. अगर उन्हें सरकार मिलती है तो अगले 6 महीनों में वह अपने दिल्ली मॉडल को पंजाब में भी दोहराने की कोशिश करेंगे.

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अरविंद केजरीवाल का बढ़ेगा कद?

2 राज्यों की जीत के बाद केजरीवाल खुद को राष्ट्रीय नेताओं की कतार में खड़ा करने में कामयाब हो जाएंगे. बंगाल की जीत के बाद ममता बनर्जी को 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक कद्दावर नेता के रूप में देखा जा रहा है, वहीं एग्जिट पोल के नतीजे अगर पंजाब में सही साबित होते हैं तो अरविंद केजरीवाल बड़ा चेहरा बनकर सामने आ सकते हैं. क्योंकि ममता बनर्जी अपनी पूरी ताकत अगले साल होने वाले त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों में झोंक रही हैं. राजनीतिक द्वंद के बीच 2024 से पहले एक लड़ाई बीजेपी और  मोदी के सामने मजबूत और स्वीकार्य चेहरे की होगी. यानी राष्ट्रीय राजनीति में अगले कुछ समय में एक बड़ी लड़ाई विपक्ष के बड़े चेहरे के लिए दिखाई दे सकती है, लेकिन ये निर्भर करता है कि एग्जिट पोल के नतीजे Exact Poll में कितने सटीक होंगे.
 

 

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