
मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल जारी है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब के बाद आज हरियाणा में ट्रैक्टर रैली करने वाले हैं. हालांकि यहां की रैली में पंजाब जैसी भीड़ नहीं दिखेगी क्योंकि खट्टर सरकार ने साफ कहा है कि बड़े जुलूस की इजाजत नहीं है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसी को भी माहौल खराब करने या कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कांग्रेस नेता राज्य में कुछ लोगों के साथ आ सकते हैं. वहीं, राज्य के गृह मंत्री अनिल विज का कहना था कि वो राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली को प्रदेश में घुसने की इजाजत नहीं देंगे.
बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों किसानों के हक में आवाज बुलंद करने के लिए तीन दिवसीय 'खेती बचाओ यात्रा' कर रहे हैं. आज इसका आखिरी दिन है. पंजाब से शुरू हुए आंदोलन के तहत राहुल गांधी मंगलवार को पेहवा की तरफ से होते हुए किसानों के साथ देवीगढ़ से हरियाणा में प्रवेश करेंगे.
क्या है आज प्रोग्राम
9:45 बजे: पटियाला में 6वें रोजगार मेला (वर्चुअल) के समापन समारोह में शामिल होंगे
10:15 बजे: पटियाला सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे
11:15 बजे: फ्रांसवाला, नूरपुर, पटियाला में सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे.
12:15 बजे: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से ट्रैक्टर रैली शुरू करेंगे
13:15 बजे: पेहवा (हरियाणा) में स्वागत समारोह
13:45 बजे: ट्रैक्टर रैली सरस्वती खेड़ा से पेहवा मंडी ( हरियाणा)
1.45 बजे: हरियाणा के पेहवा मंडी में जनसभा
17:30 बजे: कुरुक्षेत्र अनाज मंडी में जनसभा
संगरूर में मोदी पर बरसे
'खेती बचाओ यात्रा' के दूसरे दिन सोमवार को संगरूर में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि पिछले 6 साल में मोदी सरकार सिर्फ किसान और गरीबों पर ही वार कर रही है. केंद्र सरकार की हर नीति सिर्फ दो-चार दोस्तों के लिए बनाई जाती हैं. पहले नोटबंदी कर दी, फिर जीएसटी लागू कर दिया. नोटबंदी से पूरा देश सड़कों पर आ गया. राहुल ने कहा कि अभी किसान मंडी में जाकर बात कर सकता है, लेकिन इन नए कानूनों के बाद किसान के पास वो रास्ता ही नहीं बचेगा.
मॉनसून सत्र से हो रहा है विरोध
गौरतलब है कि मॉनसून सत्र में संसद से पास हुए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार की पुरजोर मुखालफत कर रहे हैं. 27 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद से पास कृषि बिल को मंजूरी दे दी थी. किसान और राजनीतिक दल इस विधेयकों को वापस लेने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी अपील किसी काम न आई, तीनों विवादास्पद बिल अब कानून बन गए हैं.