केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार असली किसान संगठनों से वार्ता जारी रखने को तैयार है. उन्होंने यह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक प्रशासनिक निर्णय है और आगे भी यह जारी रहेगा. कृषि कानूनों का देशभर के राज्यों में स्वागत किया गया है.
भारतीय किसान यूनियन (किसान) के सदस्यों ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करने के बाद आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया.
किसान संगठन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने कहा कि हमें अभी मीडिया से पता लगा है कि सरकार हमारे तरफ से लिखित जबाव का इंतजार कर रही है. सरकार बाहर से आने वाले लोगों को आने नहीं दे रही है. हमारे लोगों को आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आने से रोक रही है. ये सरकार किसानों की बात नहीं करती है, बस घुमाती है. किसान बोले कि पुलिस फोर्स लगाकर तानाशाही कर रही है.....हमारे लोगों को परेशान किया जा रहा है. ये सरकार अंबानी और अडानी की सरकार है. हम इसको अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे.
कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्य धीरज चौधरी ने कहा कि किसानों के आंदोलन के चलते कच्चा माल नहीं आ पा रहा है. उत्पादन के लिए सहायक उपकरण और उत्पादित माल बाहर भेजना मुमकिन नहीं हो पा रहा है. 30% वर्कफोर्स औऱ और कच्चे माल की कमी के चलते उद्योग बंद होने के कगार पर हैं. उत्पादन ठप है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि दिल्ली की कड़कड़ाती सर्दी में किसानों के 20 दिनों के विरोध के बाद भी सरकार 'रद्द नहीं होगा' के रुख पर कायम है. यह स्पष्ट है कि किसानों और सरकार के बीच किसी भी समझौते के लिए संसद में एक नए विधेयक को पारित करने की आवश्यकता होगी.
पी. चिदंबरम ने कहा कि सबसे आसान तरीका यह है कि वर्तमान कानूनों को निरस्त किया जाए और समझौते के आधार पर एक नया कानून फिर से बने. निरसन और पुनः अधिनियमन प्रसिद्ध विधायी उपकरण है. सरकार को अपने रुख को बदलना चाहिए और किसानों के साथ शीघ्रता से समझौता करना चाहिए.
PM मोदी बोले- सरकार दूर करेगी किसानों की हर शंका, भड़काने का काम कर रहा विपक्ष
किसानों ने नोएडा से दिल्ली जाने वाले चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दिया. किसान चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली कूच करने जा रहे थे. किसानों के हाथ में लाठी डंडे थे. नोएडा और दिल्ली पुलिस ने किसानों को समझाने की कोशिश की. बॉर्डर पर सैंकड़ों किसान हैं.
सिंघु बॉर्डर में उषा टॉवर के सामने एक किसान की मौत हो गई. मृतक किसान मोहली का रहने वाला था और उसकी उम्र 70 साल के आस-पास थी. घटना की सूचना मिलने के बाद कुंडली थाना पुलिस मौके पर पहुंची हैं. पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सोनीपत भिजवा दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर अबतक 4 किसानों की मौत हो चुकी है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पंजाब सरकार से सवाल पूछा है कि क्या वहां के किसानों ने आलू उत्पादन के लिए निजी कंपनियों से समझौता नहीं किया है. क्या इन कंपनियों ने किसानों की जमीन को हड़प लिया. गिरिराज सिंह ने कहा है कि पंजाब सरकार ने किसानों के इस समझौते का विरोध क्या नहीं किया.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदर्शनकारी किसानों को संदेश देते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सिर्फ संवाद से ही मसलों का समाधान हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व सरकार नए कृषि कानूनों से जुड़े किसानों के हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है. लेकिन पूरे कानून को खत्म कर देना विकल्प नहीं हो सकता है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला किया है. केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी आज से किसानों के बीच पंचायत कर रही है ताकि उन्हें किसानों से जुड़े कानूनों को समझाए जा सके. सरकार की इस कोशिश पर टिकैत ने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह गांव की तरफ भागता है, केंद्र सरकार कुछ ऐसा ही कर रही है.
किसान नेताओं से सरकार की लगातार चल रही बातचीत पर टिकैत का कहना है कि सरकार उनसे बातचीत कर रही है जो किसान हैं ही नहीं. उनके मुताबिक किसान तो दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बैठा है जहां सरकार के नुमाइंदे बातचीत करने नहीं जा रहे हैं.
पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि भारत के फूड सिस्टम पर कॉरपोरेट टेकओवर के खिलाफ किसानों का संघर्ष लास्ट लाइन ऑफ डिफेंस है. सिद्धू ने कहा है जिन किसानों ने देश को कई पीढ़ियों तक भोजन दिया है सरकार उन किसानों के खिलाफ आधारहीन तर्क दे रही है कि उन्हें भरमाया गया है और बरगलाया गया है. सिद्धू ने कहा कि एक गलती को सही साबित करना उस गलती को और भी बड़ा कर सकता है.
सिंघु बॉर्डर पर आज प्रदर्शन कर रहे किसानों की 2 बैठकें होंगी. पहली बैठक 12 बजे होगी, फिर 2 बजे किसान बैठक करेंगे. इसी बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी और प्लान ऑफ एक्शन बनाया जाएगा. किसानों को अभी तक सरकार से फिर से बातचीत का कोई न्योता नहीं मिला है.
सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों का कहना है कि यहां पर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. पंजाब के संगरूर से आए किसान भाग सिंह ने कहा कि प्रशासन ने इस स्थान का ध्यान पूरी तरह से छोड़ दिया है. यहां गंदगी बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि शौचालयों में पानी नहीं है. उन्होंने कहा कि किसान बीमारी से मर जाएंगे, लेकिन जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है वे इस स्थान को नहीं छोड़ेंगे.
रेवाड़ी में राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले तीन दिनों से किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है. जयसिंहपुर और खेरा बॉर्डर पर बैठे किसान रामपाल जाट ने कहा कि इन तीन कानूनों से बिजनेसमैन को फायदा होगा न कि किसानों को.
बीजेपी नए कृषि कानूनों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान शुरू कर रही है. उत्तर प्रदेश में आज बीजेपी के बड़े नेता किसानों के बीच पंचायत करेंगे और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे समझाएंगे.
यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आज गोण्डा में दोपहर 2 बजे गौरव सिंह मेमोरियल डिग्री कालेज में आयोजित किसान सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे.
कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा अमेठी में, डा. महेन्द्र सिंह मुरादाबाद व राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी प्रतापगढ में पार्टी द्वारा आयोजित किसान सम्मेलनों को सम्बोधित करेंगे.
जबकि इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 17 दिसम्बर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा बरेली में आयोजित किसान सम्मेलन को सम्बोधित करेगें.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों के आंदोलन पर मोदी सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि इस सरकार के लिए असहमति जताने वाले छात्र एंटी नेशनल हो जाते हैं, देश के जिम्मेदार और चिंतित नागरिक अबर्न नक्सल हो जाते हैं. प्रवासी मजदूरों को कोरोना का वाहक कहा जाता है. बलात्कार के पीड़ितों का कोई अस्तित्त्व नहीं है. विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान खालिस्तानी हैं और क्रोनी कैपिटलिस्ट उनके सबसे अच्छे मित्र हो जाते हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को संवाद के जरिए समझाएगी और बातचीत के जरिए इस गतिरोध का रास्ता निकलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं. अगर उन्हें किसानों से बात करने के लिए कहा जाएगा तो निश्चित रूप से वह किसानों से बातचीत करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अन्ना हजारे आंदोलन में शामिल होंगे. सरकार ने किसानों के खिलाफ कुछ नहीं किया है. ये किसानों का अधिकार है कि वे अपने उपज को मंडी में बेचें, या व्यापारी को बेचें या फिर किसी और को. उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ये गलत है. किसानों को इन तीनों कानूनों को समझना चाहिए.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों से कहा है कि उन्हें ये समझना चाहिए कि सरकार उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने देगी. नितिन गडकरी ने किसानों को प्रस्ताव दिया वे सरकार के साथ आएं और इन कानूनों पर बात करें. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है और यदि किसान कृषि कानूनों को लेकर कोई सुझाव देते हैं तो सरकार उसे मानने को तैयार है.
किसानों के प्रदर्शन के बीच बुधवार को साढ़े ग्यारह बजे केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग है. ये मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. इस मीटिंग में किसानों के आंदोलन पर चर्चा हो सकती है.
कृषि कानूनों के विरोध के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कच्छ में बसे सिख किसानों से मुलाकात करेंगे. पीएम आज कच्छ के दौरे पर हैं. कच्छ जिले की लखपत तालुका में और इसके आसपास मिलाकर करीब 5,000 सिख परिवार रहते हैं. नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम की किसानों से इस मुलाकात के जरिए सिख समुदाय और किसानों को संदेश देने की कोशिश की जाएगी.