किसान आंदोलन को लेकर बुलाई गई बैठक खत्म हो गई है. बैठक करीब 2 घंटे तक चली. गृह मंत्री अमित शाह भी जेपी नड्डा के घर से निकल गए हैं. इससे पहले राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर भी नड्डा के घर से निकल गए.
किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली में BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हाई लेवल बैठक बुलाई गई. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ समेत कई लोग शामिल हुए.
किसान आंदोलन को लेकर AAP के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि किसान दिल्ली में जहां कहीं भी विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, AAP सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए सेवादार की भूमिका निभाएगी. हम उनके लिए लंगर, पानी, बिजली आदि की व्यवस्था करेंगे. हम किसानों के लिए खड़े रहेंगे.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर किसान आंदोलन पर बड़ी बैठक चल रही है. गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक में मौजूद हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन को लेकर PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वे किसानों की सुनें और कृषि कानूनों पर फिर से विचार करें.
किसानों के आंदोलन पर कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी और अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि अमित शाह, अगर आप रैलियों को संबोधित करने के लिए 1200 किलोमीटर दूर हैदराबाद की यात्रा कर सकते हैं तो आप किसानों के साथ बातचीत की पहल के लिए 12 किमी की यात्रा क्यों नहीं कर सकते.
किसानों के साथ बातचीत को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान बातचीत का माहौल बनाएं और हम चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार ने बातचीत से कभी इनकार नहीं किया है.
किसान यूनियन ने अपनी पीसी में कहा कि सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्तव हम नामंजूर करते हैं. हम बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहते हैं. बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वो आंदोलन की जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त राशन है और 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं.
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढ़ा ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री हैं. भाजपा से सांठगांठ के साथ वे किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए काम कर रहे हैं. आप विधायक ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर और मोदी जी मिलकर किसानों के आंदोलन को खत्म कराना चाहते हैं
कैप्टन अमरिंदर और पीएम मोदी की दोस्ती जगजाहिर है, रोजाना फोन पर बात और हर महीने मुलाकात लम्बे समय से चला आ रहा है. विधायक राघव चड्ढ़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर जिस भाजपा का साथ दे रहे हैं, उस भाजपा ने किसानों पर लाठी चलवाई, आंसू गैस के गोले चलवाए, उनके एक मंत्री ने किसानों को गुंडा कहा.
आप विधायक ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ने खुद क्यों नहीं किसानों के आंदोलन को लीड किया. अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसानों को लेकर दिल्ली आता, तो क्या भाजपा की मजाल थी कि आंसू गैस और वाटर कैनन चलवाती.
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया. दरअसल ये किसान बैरिकेड क्रॉस करके दिल्ली की ओर आना चाह रहे थे. पुलिस ने जब इन्हें रोका तो किसान उग्र हो गए. इस दौरान यहां किसानों और पुलिस के बीच जमकर बहस हुई आखिरकार किसान अपनी वास्तविक स्थान पर चले गए.
इस बीच हजारों की संख्या में पंजाब और हरियाणा से किसान सिंधु बॉर्डर पर पहुंचे हैं और सड़क पर बैठ गए हैं. किसान संगठनों ने बड़ी संख्या में किसानों से दिल्ली पहुंचने की अपील की है. प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ ने नरेला मोड़ सिंधु बॉर्डर चौक भी जाम कर दिया है. कई टैक्टर ट्राली लेकर अचानक पहुंच गए हैं. मौके पर भारी संख्या में फोर्स तैनात है. किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लेकर पहुंचे हैं.
सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन तेज करने का आह्वान किया है. किसानों ने कहा है कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं. यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं. किसान संगठनों ने अपील की है कि किसानों के सभी पक्षधर, कारपोरेट विरोधी ताकतें हमारा समर्थन करें. किसान संगठनों का कहना है कि अखिल भारतीय गोलबंदी तेज की जाएगी और 1 दिसम्बर से राज्यों में विरोध आयोजित होगा.
किसान संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगाना बंद कर देना चाहिए. यह मान कर नहीं चलना चाहिए कि वार्ता का अर्थ है कि ‘‘किसानों को इन कानूनों के लाभ समझाए जाएं". सरकार को सीधे तौर पर बताना चाहिए कि उसके पास क्या समाधान है. किसान अपनी मांगों पर बहुत स्पष्ट हैं.
सिंधु बॉर्डर पर चल रही किसानों की बैठक खत्म हो गई है. किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. यानी कि किसान अब दिल्ली- हरियाणा के सिंधु बॉर्डर से बुराडी के निराकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे. किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा. अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं. अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों से वहां बात करने को तैयार है. लेकिन किसानों ने इस अपील को ठुकरा दिया है.
खुफिया एजेंसी आईबी के दो बड़े अधिकारी सिंधु बॉर्डर पहुचे हैं. सूत्रों के मुताबिक डिप्टी डायरेक्टर लेवल के दो अधिकारी सिंधु बॉर्डर पहुंचे है और हालात का जायजा ले रहे हैं. ये आई अधिकारी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बिना शर्त बात करे. बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान बुराड़ी में प्रदर्शन करते हैं तो उनके साथ सरकार तुरंत बात करने को तैयार है.
इस पर सतेंद्र जैन ने कहा कि इसमें कोई कंडीशन थोड़ी लगनी चाहिए कि कब बात करेगी सरकार. बात तुरन्त करनी चाहिए. कंडीशन वाली बात थोड़ी है. देश के किसान, हमारे अन्नदाता हैं. उनसे तुरन्त बात करनी चाहिए और जहां वो चाहें उन्हें बैठने देना चाहिए.
दिल्ली में किसानों के परेशानी पर सतेंद्र जैन ने कहा कि हमें किसानों की परेशानी भी देखनी चाहिए. वो अपने घर से कई सौ किलोमीटर दूर से आये हैं, उनकी परेशानी को देखिए, उनको कितनी परेशानी है. कोई खुशी से नहीं आया है. लोकतंत्र है तो उनको शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज रखने का पूरा अधिकार है और वो जहां चाहें अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं.
दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग जारी है. किसान बुराड़ी मैदान नहीं जाने पर डटे हैं.
शनिवार को किसानों के प्रतिनिधियों और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और आईबी अधिकारियों के बीच 90 मिनट तक लंबी मीटिंग हुई.
दिल्ली पुलिस और आईबी अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधियों को बताया कि दो बॉर्डर समेत एक नेशनल हाईवे के बंद होने की वजह से दूसरे राज्य से दिल्ली आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें रामलीला मैदान या जंतर मंतर में प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में कोरोना गाइडलाइंस लागू है और इतने ट्रक और ट्रैक्टर्स के साथ प्रदर्शनकारी न तो जंतर-मंतर में आ पाएंगे और न ही रामलीला मैदान में. इसलिए उनके लिए यहां प्रदर्शन कर पाना संभव नहीं है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती के बाद शिवसेना भी प्रदर्शन कर रहे किसानों के पक्ष में आ गई है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है. उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है. इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है.
सिंधु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन की वजह से सीमा पार आने-जाने वालों को काफी परेशानी हो रही है. दूसरे राज्यों से दिल्ली आने वाले लोग बॉर्डर बंद होने से काफी परेशान हैं. उन्हें काफी दूर तक पैदल आना पड़ रहा है. बॉर्डर पार करने वाले यात्रियों का कहना है कि उन्हें ब्लॉकेड की वजह से कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है.
इस बीच सिंधु बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सिंधु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. सरकार प्रदर्शनकारी किसानों से कह रही है कि वे यहां से उठकर बुराड़ी जाए, जहां उनसे बात की जाएगी, लेकिन प्रदर्शनकारी किसान मानने को तैयार नहीं है.
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि प्रदर्शन तो रामलीला मैदान में होता है, तो हमें निरंकारी मैदान क्यों भेजा जा रहा है, जो कि एक निजी संस्था है. राकेश टिकैत ने कहा कि हमलोग आज यहीं रहेंगे.
यूपी की पूर्व सीएम मायावती प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में आ गईं हैं. उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित और आन्दोलित भी हैं. इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर.
इस बीच किसानों ने शनिवार की रात सिंधु बॉर्डर पर ही गुजारी. सिंधु बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम है. यहां पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा. सभी प्रदर्शनकारी किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं. किसान आंदोलन का आगे क्या रुख होगा, इसको लेकर रविवार को सुबह 11 बजे के करीब एक बैठक होगी. पढ़ें पूरी खबर
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है.
गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर किसानों ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है. अमित शाह ने कहा था कि अगर किसान बुराड़ी ग्राउंड जाते हैं तो सरकार उनसे तुरंत बात करेगी. लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत गृह मंत्री की इस शर्त से नाराज हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार उनपर पर दबाव डालने की कोशिश कर रही है. राकेश टिकैत ने कहा कि ये गुंडागर्दी वाली बात है क्या...कि वहां पर आओगे तभी बात होगी. राकेश टिकैत ने कहा कि आखिर किसान यहां क्यों आए हैं, क्योंकि उन्हें समस्या है, कभी यहां आए हैं. हम चाहते हैं कि सरकार बात करे.