Advertisement

पीएम मोदी के बाद गुलाम नबी की आंखों से भी निकले आंसू, बताया- जिंदगी में पांच बार चिल्लाकर रोया

विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वो अपने माता-पिता की मौत पर भी चिल्लाकर नहीं रोए थे, लेकिन उनके जीवन में पांच मौके ऐसे आए जब वो फूट-फूटकर रोए. गुलाम नबी ने बताया कि जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मौत हुई तो इन तीनों हादसों पर मैं जोर से चिल्ला-चिल्लाकर रोया. आजाद ने बताया कि ये तीनों मौतें अचानक हुई थीं जिन पर वो जोर से रोए. 

राज्यसभा में भावुक हुए गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में भावुक हुए गुलाम नबी आजाद
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST
  • पीएम मोदी के बाद राज्यसभा में भावुक हुए गुलाम नबी आजाद
  • बताया- कश्मीर में आतंकी घटना पर क्यों चिल्लाकर रोए थे

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक होने के बाद कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की आंखों से भी आंसू निकल आए. पीएम मोदी ने जिस घटना का जिक्र किया था, उसे याद करते हुए गुलाम नबी आजाद ने बताया कि वो एक ऐसा मौका था जब वो चिल्लाकर रोए. 

विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वो अपने माता-पिता की मौत पर भी चिल्लाकर नहीं रोए थे, लेकिन उनके जीवन में पांच मौके ऐसे आए जब वो फूट-फूटकर रोए. गुलाम नबी ने बताया कि जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मौत हुई तो इन तीनों हादसों पर मैं जोर से चिल्ला-चिल्लाकर रोया. आजाद ने बताया कि ये तीनों मौतें अचानक हुई थीं जिन पर वो जोर से रोए. 

Advertisement

गुलाम नबी ने बताया कि अपने माता-पिता की मौत पर मेरी आंखों से आंसू निकले लेकिन मैं चिल्लाकर नहीं रो पाया. उन्होंने बताया कि चौथी बार मैं चिल्लाकर तब रोया जब ओडिशा में था. उस किस्से को याद करते हुए गुलाम नबी ने बताया, ''मैं अपने पिता को लेकर अस्पताल गया था, उन्हें कैंसर था. डॉक्टर ने बोला कि 21 दिन आप कहीं मत जाओ. इसी बीच मिसेज गांधी (सोनिया गांधी) का शाम को फोन आया और मुझे ओडिशा जाने के लिए बोला. मैं अपने पिता को छोड़कर ओडिशा चला गया. वहां जब मैंने सैकड़ों लाशों को समंदर किनारे तैरते हुए देखा तो मैं चिल्लाकर रोया.''

पांचवीं बार तब चिल्लाकर रोया, जिसे पीएम ने याद किया 

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पांचवीं बार मैं चिल्लाकर तब रोया जब गुजरात के यात्रियों पर कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था और जिस घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए. गुलाम नबी ने बताया कि ''टूरिस्ट बस में गुजरात के लोग आए थे, जिसमें आतंकियों ने ग्रेनेड लगाया और लोगों की मौत हो गई. जब मैं एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां छोटे-छोटे बच्चे थे, वो रो रहे थे, मेरी टांगों से लिपट गए तो जोर से मेरी आवाज निकल गई, ऐ खुदा तूने ये क्या किया. मैं कैसे जवाब दूं उन बच्चों को, उन बहनों को जो घूमने आए थे और आज मैं उनकी लाशें उनके परिजनों को भेज रहा हूं.'' राज्यसभा में ये दर्दनाक किस्सा साझा करते हुए गुलाम नबी आजाद की आंखें भर आईं.

Advertisement

उस दर्द को बयां करते हुए गुलाम नबी ने कहा कि मैं यही दुआ करता हूं कि इस देश से आतंकवाद खत्म हो जाए. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement