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'मैं वो खुशकिस्मत हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया', विदाई भाषण में बोले गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी ने कहा, ''मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गया, लेकिन जब मैं पढ़ता हूं वहां किस तरह के हालात हैं तो मुझे फख्र महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं. विश्व में अगर किसी मुसलमान को गौरव होना चाहिए तो हिंदुस्तान के मुसलमानों को होना चाहिए.''

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST
  • राज्यसभा में खत्म हो रहा है गुलाम नबी का कार्यकाल
  • विदाई भाषण में गुलाम नबी ने साझा किए अपने अनुभव

सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो गया है. मंगलवार को सदन में पीएम नरेंद्र मोदी समेत अन्य दलों के नेताओं ने गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा करते हुए उन्हें भविष्य के लिए बधाई दी. आजाद ने भी सभी का शुक्रिया अदा करते हुए अपने लंबे राजनीतिक अनुभवों को कुछ किस्सों के जरिए साझा किया. 

जम्मू रीजन से आने वाले गुलाम नबी ने बताया कि उन्होंने देशभक्ति महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आजाद को पढ़कर सीखी है. गुलाम नबी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और संजय गांधी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया. इसके साथ ही गुलाम नबी ने बताया कि कश्मीर के हालात पहले कैसे हुआ करते थे और अब कितना बदलाव आ गया है. साथ ही पाकिस्तान के बारे में भी अपनी राय रखी. 

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गुलाम नबी ने सदन में बताया, ''मैं कश्मीर के सबसे बड़े SP कॉलेज में पढ़ता था. वहां 14 अगस्त और 15 अगस्त दोनों मनाया जाता था. 14 अगस्त (पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस) मनाने वालों की संख्या ज्यादा थी. मैं और मेरे कुछ साथी 15 अगस्त मनाते थे और ऐसे लोग बहुत कम थे. लेकिन उसके बाद हम एक हफ्ता कॉलेज नहीं जाते थे क्योंकि वहां पिटाई होती थी. उस वक्त से निकलकर हम यहां तक पहुंचे हैं.''

मैं खुशकिस्मत कि पाकिस्तान नहीं गया- आजाद

गुलाम नबी ने कहा, ''मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गया, लेकिन जब मैं पढ़ता हूं वहां किस तरह के हालात हैं तो मुझे फख्र महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं. विश्व में अगर किसी मुसलमान को गौरव होना चाहिए तो हिंदुस्तान के मुसलमानों को होना चाहिए.''

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आजाद ने कहा कि पिछले 30-35 सालों में अफगानिस्तान से लेकर इराक तक, कुछ सालों पहले देखें तो मुस्लिम देश एक-दूसरे से लड़ाई करते हुए खत्म हो रहे हैं, वहां कोई हिंदू या ईसाई नहीं है, वो लोग आपस में ही लड़ रहे हैं. गुलाम नबी ने कहा कि पाकिस्तान के समाज में जो बुराइयां हैं, खुदा करे वो हमारे मुसलमानों में कभी न आए. 

इसके अलावा गुलाम नबी ने कहा कि सीएम बनने के बाद मैंने पहले जनसभा सोपोर में की, जहां से गिलानी साहब तीन बार विधायक चुने गए थे. उस मीटिंग में मैंने कहा था कि मेरी सरकार का कोई मंत्री धर्म या मस्जिद या पार्टी की बुनियाद पर इंसाफ करेगा तो मुझे शर्म आएगा कि कोई मंत्री या अफसर मेरे साथ काम करेगा.
 

 

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