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18 महीने से नाराज थे गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस से इस्तीफे की ये हैं प्रमुख वजह

गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के बीच मनमुटाव की शुरुआत 18 महीने पहले उस वक्त शुरू हुई थी, जब कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद राज्यसभा नहीं भेजा था. हालांकि, यही सिर्फ एक वजह नहीं है, जिसने गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस से इतना पुराना नाता तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. आईए जानते हैं किन वजहों से गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया.

गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो) गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
सुनील जी भट्ट
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ कांग्रेस के साथ उनका करीब 5 दशक पुराना रिश्ता भी खत्म हो गया. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि गुलाम नबी आजाद को ये कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे थे. उनकी नाराजगी करीब 10 दिन पहले खुलकर सामने भी आई थी, जब उन्होंने सोनिया गांधी द्वारा जम्मू कश्मीर चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही इस्तीफा दे दिया था. 

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गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के बीच मनमुटाव की शुरुआत 18 महीने पहले उस वक्त शुरू हुई थी, जब कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद राज्यसभा नहीं भेजा था. हालांकि, यही सिर्फ एक वजह नहीं है, जिसने गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस से इतना पुराना नाता तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. आईए जानते हैं किन वजहों से गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया. 

 - गुलाम नबी आजाद का फरवरी 2021 में राज्‍यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया था. उनके कार्यकाल के आखिरी दिन पीएम मोदी ने भावुक विदाई भी दी थी. हालांकि, इसके बाद चर्चा थी कि कांग्रेस उन्हें फिर किसी और राज्य से राज्यसभा भेज सकती है. हालांकि, उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया. इसके बाद से भी वे पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं.

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- गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के नाराज जी-23 गुट में भी शामिल रहे. यह गुट कांग्रेस नेतृत्व में लगातार बदलाव की मांग कर रहा था. इससे पहले इस गुट में शामिल कपिल सिब्बल भी कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं. 

- कांग्रेस ने जब गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा नहीं भेजा था, तो उन्होंने और उनके समर्थकों ने जम्मू कश्मीर में कई रैलियां की थीं. इसके बाद उन्हें जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का सीएम उम्मीदवार बनाने कीी भी मांग उठी थी. 

- सूत्रों ने आजतक को बताया कि जम्मू कश्मीर में हाल ही में संगठनात्मक बदलाव के दौरान गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष की पोस्ट के लिए तीन नाम सुझाए थे. गुलाम नबी आजाद चाहते थे कि जीएम सरूरी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने विकार रसूल वानी को अध्यक्ष बना दिया. 

- इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में कमेटी के गठन के वक्त भी गुलाम नबी आजाद की सलाह नहीं ली गई. इन कमेटियों में आजाद के विरोधी गुट के नेताओं को भी जगह दी गई थी.  आजाद जम्मू कश्मीर में फ्री हैंड चाहते थे. 

अब आगे क्या ?

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति से राज्य की ओर रुख करेंगे. उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. आजाद ने कहा, मैं जम्मू भी जाऊंगा, कश्मीर भी जाऊंगा. उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में हम अपनी पार्टी बनाएंगे. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी देखेंगे. उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की खबरों का खंडन कर दिया है. उन्होंने कहा, मेरे विरोधी पिछले 3 साल से कह रहे हैं कि मैं भाजपा में जा रहा हूं. यहां तक कि उन्होंने तो मुझे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी बनवा दिया. 

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