
पी. चिदंबरम, अमित शाह, जेपी नड्डा, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, महुआ मोइत्रा, मनीष सिसोदिया सहित कई राष्ट्रीय नेता पिछले 2 महीनों से गोवा का दौरा कर 2022 के चुनावों की तैयारी कर रहे हैं. पार्टी लाइन के राजनेताओं ने भारत में ओमिक्रॉन वायरस के बावजूद कोविड 19 गाइडलाइन और फेसमास्क की धज्जियां उड़ाते हुए चुनाव अभियान और सार्वजनिक कार्यक्रम शुरू किए हैं.
गोवा में निवर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली भाजपा ने विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत की है. शासन की सार्वजनिक बुनियादी परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए बात कही गई है. राज्य में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और गोवा सु-राज पार्टी के नए प्रवेश से, भाजपा और कांग्रेस सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के लिए चिंता बढ़ रही है.
गठबंधन 2022 के चुनावों में टीएमसी के लिए वरदान
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में नवेलिम कांग्रेस विधायक लुहिझिनो फलेरियो, बनुलिम राकांपा विधायक चर्चिल अलेमाओ और भाजपा थिविम के पूर्व विधायक किरण खंडोलकर को पार्टी में शामिल किया. सुदीन धवलीकर के एमजीपी के साथ गठबंधन भी 2022 के चुनावों में टीएमसी के लिए वरदान रहा है.
गोवा में आम आदमी पार्टी ने भंडारी समुदाय से मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर राज्य में अपने अभियान को तेज कर दिया, जबकि अल्पसंख्यक से उपमुख्यमंत्री. आप नेता अमित पालेकर द्वारा UNSECO में संरक्षित पुराने गोवा विरासत स्थल को भाजपा की राष्ट्रीय नेता शाइना एनसी द्वारा अवैध बंगले के निर्माण के खिलाफ 5 दिन की भूख हड़ताल भी मौजूदा सरकार के खिलाफ आग में ईंधन की तरह थी.
भाजपा में शामिल हो गए थे कांग्रेस के विधायक
2017 में कांग्रेस पार्टी गोवा ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि अपने विधायक के दलबदल के बाद वर्तमान में पार्टी में केवल तीन विधायक ही बचे हैं. कांग्रेस के 12 से अधिक विधायक दलबदल कर भाजपा में शामिल हो गए, जबकि एक विधायक लुहिझिनो फलेरियो टीएमसी में शामिल हो गए, जहां उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में पदोन्नत किया गया.
सरकारी क्षेत्र में रोजगार, गोवा मूल के लिए भूमि, वन्यजीव संरक्षित स्थलों में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई, खनन गतिविधि निलंबन, कोयला प्रदूषण, अवैध निर्माण कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जो चुनावों का नेतृत्व करते हैं.
राज्य को चुनाव कराने के लिए मिल चुकी हैं ईवीएम
गोवा के चुनाव अधिकारी कुणाल के अनुसार, राज्य की चुनाव मशीनरी को चुनाव कराने के लिए ईवीएम मिली हैं, जबकि इसके कार्यालय ने 40 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए अभियान चलाया था. कुणाल ने इंडिया टुडे को यह भी बताया कि उसके कार्यालय ने मशीनों की प्रथम स्तर की जांच शुरू कर दी है. चुनाव कार्यालय ने 2022 के चुनावों की तारीखों की घोषणा से पहले मासिक सर्वदलीय राजनीतिक बैठकें भी शुरू कर दी हैं.
'चुनावों से पहले पार्टी बदलना लोकतंत्र का अपमान'
इंडिया टुडे से बात करते हुए राज्य में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर गोवा में वयोवृद्ध राजनीतिक पर्यवेक्षक, अधिवक्ता क्लियोफासो अल्मेडिया ने कहा कि गोवा में राजनीतिक स्थिति पूरी तरह से तरल थी. उन्होंने कहा कि हम पूरे पार्टी सिस्टम का मजाक बना रहे हैं. देश के अन्य हिस्सों में आप चुनाव के बाद दलबदल को देखते हैं. अल्मेडिया ने कहा कि चुनावों से पहले व्यक्तित्वों का यह स्थानांतरण इतना शर्मनाक है कि यह लोकतंत्र और पार्टी प्रणाली का अपमान है.
उन्होंने कहा कि चार या पांच कांटे वाली प्रतियोगिता में कुछ भी हो सकता है. इसलिए हर कोई गोवा में पानी की जांच करना चाहता है. टीएमसी और आप जैसी पार्टियां दावा कर सकती हैं कि उनके साथ एक और राज्य है, भले ही वह बंगाल जिले जितना बड़ा न हो, लेकिन वे दावा कर सकते हैं कि वे 2 राज्यों में हैं.