
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रदेश प्रमुख को छोड़कर सभी संगठन भंग कर दिए हैं. जल्द ही नए संगठन का ऐलान किया जाएगा. पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के दौरे के बाद AAP में ये बड़ा बदलाव हुआ है. बताया जा रहा है कि अब पूरी तरह से नए सिरे से AAP संगठन को गुजरात चुनाव के लिए खड़ा करेगी.
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एक के बाद एक गुजरात के दौरे कर रहे हैं. सोमवार को चौथी बार केजरीवाल गुजरात के दौरे पर पहुंच रहे थे. यहां वो नॉर्थ गुजरात के मेहसाणा में तिरंगा यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
इससे पहले केजरीवाल ने अहमदाबाद के बाद 11 मई को गुजरात के राजकोट का दौरा किया था, जहां पाटीदार को साधने की कवायद की थी. एक मई को बीटीपी के प्रमुख छोटू वसावा के साथ गुजरात के आदिवासी-मुस्लिम बहुल इलाके भरूच में 'आदिवासी संकल्प महासम्मेलन' को संबोधित किया था.
पाटीदारों की भूमिका
उत्तर गुजरात के इलाके के सियासत में किसानों, पाटीदारों, ओबीसी और आदिवासियों की अहम भूमिका रहती है. पादीदार आंदोलन का सर्वाधिक असर इसी इलाके में रहा है. पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल अब बीजेपी में एंट्री कर गए हैं. गुजरात ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर भी इसी इलाके से आते हैं और वो भी बीजेपी में शामिल में हैं. नॉर्थ गुजरात के दोनों बीजेपी विरोधी चेहरे कांग्रेस छोड़ चुके हैं, जिसके चलते आम आदमी पार्टी को अपने पैर पसारने की उम्मीदें नजर आ रही हैं.
उत्तर गुजरात का सियासी गणित
बता दें कि उत्तर गुजरात क्षेत्र में 53 विधानसभा सीटें हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में नार्थ गुजरात की 53 सीटों में 35 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है तो 17 सीटें कांग्रेस के पास है. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास इस इलाके में 32 और कांग्रेस को 21 सीटें थीं.