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CM रेस पर हरियाणा BJP में क्यों छिड़ी है साउथ vs नॉर्थ की बहस? जीतने वालों के आंकड़े क्या कहते हैं

हरियाणा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने नायब सैनी को सीएम फेस घोषित कर दिया था. नतीजों के बाद अब हरियाणा में सीएम रेस को लेकर साउथ बनाम नॉर्थ की बहस छिड़ गई है. आंकड़े क्या कहते हैं?

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी (फाइल फोटोः PTI) बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी (फाइल फोटोः PTI)
बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बड़ी जीत के बाद सरकार की तस्वीर को लेकर कयासों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में उतरी बीजेपी सरकार की तस्वीर को लेकर अनुमान लगाए जाने लगे हैं. सीएम सैनी का फिर से विधायक दल का नेता चुना जाना महज औपचारिकता माना जा रहा है लेकिन इस बीच सूबे में सरकार की ड्राइविंग सीट पर कौन काबिज हो, इसे लेकर उत्तर हरियाणा बनाम दक्षिण हरियाणा की एक नई बहस भी छिड़ गई है.

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कैसे छिड़ी उत्तर बनाम दक्षिण की बहस

बीजेपी ने हरियाणा चुनाव से पहले ही ये ऐलान कर दिया था कि नायब सिंह सैनी ही उसका चेहरा होंगे. खुद गृह मंत्री अमित शाह ने ये ऐलान किया था. इसके बाद अहिरवाल के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत से लेकर अनिल विज तक, बीजेपी के कद्दावर नेताओं ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी कर दी तो वहीं कुलदीप बिश्नोई ने भी कहा कि सीएम फेस नायब सिंह सैनी हैं लेकिन अगली बार मैं भी हो सकता हूं. चुनाव नतीजे आने के बाद भी राव इंद्रजीत के एक बयान ने उत्तर बनाम दक्षिण की बहस के तार छेड़ दिए.

दरअसल, चुनाव नतीजे आने के बाद राव इंद्रजीत ने आजतक से बात करते हुए दक्षिण हरियाणा के सीएम को लेकर सवाल पर कहा था कि जिस इलाके ने बीजेपी को तीन बार हरियाणा की सत्ता में पहुंचाया है, पार्टी को भी चाहिए कि उसे तवज्जो दे. राव इंद्रजीत के समर्थक भी खुलकर यह कह रहे हैं कि 2014 से अब तक दक्षिण हरियाणा के साथ न्याय नहीं किया गया. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के करीबी यहां तक कह रहे हैं कि कम से कम 15 सीटों पर जीत सुनिश्चित करने में हमारी अहम भूमिका रही है. सैनी को पार्टी ने पहले ही सीएम फेस घोषित कर दिया था. आरती को कम से कम डिप्टी सीएम तो बनाया ही जाना चाहिए. गौरतलब है कि आरती राव, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी हैं और इस बार अटेली सीट से विधायक निर्वाचित हुई हैं.

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आंकड़े क्या कहते हैं?

राव इंद्रजीत के बयान पर गौर करें तो वह दक्षिण की दावेदारी के पीछे सत्ता तक पहुंचाने वाले क्षेत्र को तवज्जो देने की बात कही है. ऐसे में आंकड़ों की चर्चा भी जरूरी हो जाती है. उत्तर हरियाणा और दक्षिण हरियाणा में कितनी सीटें हैं और बीजेपी को किस क्षेत्र में कितनी सीटों पर जीत मिली है? राव इंद्रजीत के दावे, उत्तर बनाम दक्षिण की इस बहस में कितना दम है?

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उत्तर हरियाणाः उत्तर हरियाणा में पंचकुला, अंबाला, यमुनागर, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जिले आते हैं जहां कुल 27 विधानसभा सीटें आती हैं. बीजेपी को इन 27 में से 14 सीटों पर जीत मिली है. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली थी, पहली बार पूर्ण बहुमत मिला था, तब इनमें से 22 सीटों से पार्टी के उम्मीदवार जीते थे. साल 2019 में पार्टी आठ सीटों के नुकसान के साथ 14 सीटें ही जीत सकी थी और इस बार भी पिछला प्रदर्शन ही दोहरा सकी.

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दक्षिण हरियाणाः अहिरवाल रीजन इसी इलाके में आता है. दक्षिण हरियाणा में भिवानी, महेंद्रगढ़, दादरी, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिले आते हैं जहां विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं. दक्षिण हरियाणा की 22 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है. पिछले चुनाव में पार्टी ने यहां 21 सीटें जीती थी और उत्तर हरियाणा में हुए नुकसान के बावजूद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी तो उसमें दक्षिण हरियाणा का बड़ा रोल रहा था.

दक्षिण के सीएम की दावेदारी का आधार क्या

चुनाव नतीजे देखें तो 2014 में जब बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ पहली बार सत्ता में आई थी, सबसे अधिक सीटें उसे उत्तर हरियाणा से मिली थीं. तब पार्टी ने सरकार की कमान इसी इलाके से निर्वाचित हुए मनोहर लाल खट्टर को सौंपी गई. दूसरी बार उत्तर के मुकाबले सीटों के लिहाज से दक्षिण भारी रहा लेकिन खट्टर की अगुवाई में ही सरकार बनी.

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लोकसभा चुनाव से पहले जब सरकार चेहरा बदलने की चर्चा चली, दक्षिण के नेताओं को ये उम्मीद थी कि अब उनके बीच का कोई नेता सीएम बनेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हालिया चुनाव में भी बीजेपी के नंबर गेम में उत्तर पर दक्षिण भारी है और इसी को आधार बनाते हुए इस क्षेत्र के नेता ये कह रहे हैं- सीएम नहीं तो डिप्टी सीएम इस रीजन से बनाया ही जाना चाहिए.

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कैसे रहे हरियाणा चुनाव के नतीजे

हरियाणा चुनाव में बीजेपी ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 48 सीटें जीत लीं जो 2014 के मुकाबले एक अधिक है. विपक्षी कांग्रेस 37 सीटें ही जीत सकी जबकि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आम आदमी पार्टी खाता खोलने में भी विफल रहे. इंडियन नेशनल लोक दल को दो, निर्दलीयों को तीन विधानसभा सीटों पर जीत मिली.

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