
गृह मंत्री अमित शाह आज केंद्र की मौदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर शूरवीर महाराणा प्रताप की धरती मेवाड़ (उदयपुर) में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे. उदयपुर के गांधी मैदान में हो रही इस रैली के दौरान अमित शाह मोदी सरकार की पिछले नौ साल की उपलब्धियों का बखान तो करेंगे ही, साथ में गहलोत सरकार को भी निशाने पर लेंगे. राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी गृह मंत्री की इस रैली की तैयारियों को लेकर लगातार समीक्षा कर रहे हैं. शाह के स्वागत मेंर उदयपुर में जगह-जगह पर होर्डिंग और बैनर लगाए गए हैं.
एक मंच पर होंगे सभी दिग्गज
पार्टी ने इस रैली में 50 हजार लोगों को एकत्र करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए सांसदों से लेकर प्रधान और सरपंच तक को जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी ने मंच और मुख्य पंडाल के लिए वाटरप्रूफ टेंट तैयार किया है. इस रैली के जरिए बीजेपी एकजुटता का संदेश भी देगी. शाह की इस रैली में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिपक्ष सतीश पूनियां सहित वो प्रमुख नेता एक ही मंच पर नजर आएंगे, जिन्हें एक- दूसरे का विरोधी माना जाता है.
दरअसल 30 मई को केंद्र की मौदी सरकार ने अपने दो कार्यकाल के नौ साल पूरे कर लिए हैं औऱ बीजेपी पूरे देश में इसे लेकर कार्यक्रम आयोजित कर रही है और सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रख रही है. गृह मंत्री की जनसभा भी इसी कार्यक्रम का हिस्सा है. भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान बीजेपी की सह प्रभारी विजया रहाटकर ने बताया कि शाह की रैली 12 बजे बाद होगी लेकिन जनसभा 10 बजे से ही शुरू हो जाएगी.
सियासत के लिहाज से अहम है उदयपुर
मेवाड़ की धरती उदयपुर में शाह आयोजित शाह की रैली के कई राजनीतिक मायने भी हैं. राजस्थान में बीते लोकसभा चुनाव (2019) में बीजेपी+ को सभी 25 सीटें मिली थी. उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र में कुल 8 सीटें जिसमें से 6 अभी बीजेपी के पास हैं, यानि यहां बीजेपी का स्ट्रांगहोल्ड है.
वहीं वागड़ क्षेत्र से 28 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें उदयपुर (8 सीटें) के अलावा बांसवाड़ा (5 सीटें) और डूंगरपुर (4 सीटें), चित्तौड़गढ़ (5 सीटें) और राजसमन्द (4 सीटें) के अलावा उदयपुर जिले और प्रतापगढ़ (2 सीटें) जिले के कुछ भाग भी शामिल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से 15 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में 10 तथा अन्य के खाते 3 सीटें गई थी. वागड़ क्षेत्र में राजपूत और आदिवासी लोगों की बहुलता है और बीजेपी इस वोट बैंक पर अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है.
राजपूत वोट बैंक
उदयपुर में रैली के साथ-साथ बीजेपी अपने उस राजपूत वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है जो उसका कोर वोट बैंक माना जाता है. पिछली बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य में आनंदपाल प्रकरण की वजह से राजपूतों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था. राजस्थान में राजपूत करीब 14 फीसदी हैं जिनका 60 विधानसभा सीटों पर असर है और उदयपुर भी में भी राजपूत वोट निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. जिस मेवाड़ इलाके में बीजेपी की रैली हो रही है वहां से बीजेपी प्रदेश सीपी जोशी भी आते हैं. गुलाबचंद कटारिया भी यहीं से आते हैं जो अब असम के राज्यपाल हैं.
उदयपुर में ही हुआ था कन्हैयालाल हत्याकांड
पिछले साल कन्हैयालाल हत्याकांड ने ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 48 वर्षीय कन्हैया लाल की 28 जून को उदयपुर में उनकी दुकान के भीतर घुसकर बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. कन्हैयालाल का परिवार आज भी हत्यारे रियाज और गौस मोहम्मद की फांसी की मांग कर रहा है. कन्हैया के बड़े बेटे यश साहू ने आरोपियों को फांसी नहीं हो जाने तक बाल नहीं कटवाने और पैरों में जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया है. उनके बेटों का कहना है कि जिस दिन उनके पिता के हत्यारों को फांसी मिलेगी, उसी दिन अस्थियों का विसर्जन करेंगे.
बीजेपी इस मुद्दे को लेकर भी गहलोत सरकार को लगातार घेरती रही है. शाह के दौरे से पहले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने कन्हैया लाल के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की थी. बीजेपी इस हत्याकांड का मुद्दा लगातार उठा रही है. अगर चुनाव में यह मुद्दा उठता है तो इससे ध्रुवीकरण के आसार बन जाएंगे. हालांकि गहलोत ने यह कहकर केंद्र के पाले में गेंद डाल दी है कि राज्य सरकार ने तुरंत आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था लेकिन केंद्र सरकार ने केस एनआईए को ट्रांसफर कर दिया जो अभी तक आरोपियों को सजा नहीं दिला पाई है.
नौ महीने में सात बार राजस्थान आ चुके हैं पीएम
दरअसल राजस्थान में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. कर्नाटक में मिली हार के बाद बीजेपी अपना फोकस अब राजस्थान पर शिफ्ट कर दिया है और पीएम से लेकर पार्टी अध्यक्ष और अन्य बीजेपी नेता राज्य का दौरा कर जनसभाएं कर रहे हैं. अमित शाह की इस रैली के बाद अब जुलाई में पीएम मोदी राज्य के दौरे पर आएंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे. बीजेपी के लिए राजस्थान कितनी अहमियत रखता है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि खुद पीएम मोदी बीते नौ महीने में सात बार राज्य का दौरा कर चुके हैं. वहीं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री भी राज्य में जनसभाएं कर चुके हैं.
बैठक भी करेंगे शाह
आज होने वाली अपनी जनसभा के बाद अमित शाह एक अहम बैठक भी करेंगे. इसमें उदयपुर संभाग के जनजातीय क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं और प्रबुद्धजन शामिल रहेंगे. कहा जा रहा है कि बीजेपी का फोकस जनजातीय वोटरों पर भी है. विजया रहाटकर ने बताया कि शाह कांग्रेस मुक्त मेवाड़ का आगाज करेंगे.
ऐतिहासिक महत्व रखता है मेवाड़
उदयपुर की स्थापना 1559 में राजपूत के सिसोदिया कबीले के उदय सिंह द्वितीय ने थी जो महाराणा प्रताप के पिता थे. उन्होंने अकबर द्वारा चित्तौड़गढ़ को घेरने के बाद अपनी राजधानी को चित्तौड़गढ़ शहर से उदयपुर स्थानांतरित कर दिया था. यह 1818 तक राजधानी शहर के रूप में बना रहा. फिर यह एक ब्रिटिश रियासत बन गया और उसके बाद 1947 में भारत की आजादी के बाद मेवाड़ प्रांत राजस्थान का एक हिस्सा बन गया.