
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक गांव की नवनिर्वाचित महिला पंचों के पतियों ने अपनी पत्नियों के स्थान पर शपथ ली. यह घटना महिला सशक्तिकरण की अवधारणा के विपरीत है और प्रशासनिक जिम्मेदारी में बड़ी चूक को उजागर करती है. चुनाव जीतने के बावजूद ये महिला पंच अपने पद की शपथ नहीं ले पाईं.
यह मामला पंडरिया विकासखंड के परसवाड़ा ग्राम पंचायत का है. कबीरधाम जिला पंचायत के सीईओ अजय त्रिपाठी ने बताया कि परसवाड़ा गांव में पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण का वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके बाद पंडरिया जनपद पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मामले की जांच करने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में निर्वाचित प्रतिनिधियों ने सोमवार को अपने-अपने क्षेत्रों में पहली बैठक के दौरान शपथ ली. अधिकारियों के अनुसार, परसवाड़ा ग्राम पंचायत में निर्वाचित 11 वार्ड पंचों में से छह महिलाएं थीं, जबकि सरपंच एक पुरुष था. इन 6 महिला पंचों के पतियों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को पंचायत सचिव ने शपथ दिलाई. एक वीडियो में सभी पुरुष सदस्यों को शपथ लेते देखा जा सकता है.
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना को महिला सशक्तिकरण का मजाक करार दिया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो यह गलत उदाहरण पेश करेगा और इस तरह की घटनाओं को और बढ़ावा मिल सकता है. गौरतलब है कि बीजेपी विधायक भावना बोहरा पंडरिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं.