Advertisement

मायावती की NO, SAD को न्योते पर कांग्रेस में विरोध... मुंबई बैठक से पहले I.N.D.I.A. का 'सस्पेंस थ्रिलर'

विपक्षी गठबंधन की मुंबई में तीसरी बैठक होनी है और इस बैठक से पहले आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता ने अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया है. वहीं, शिरोमणि अकाली दल को गठबंधन में शामिल होने के लिए न्योता दिए जाने की बात सामने आ रही है तो मायावती ने साफ कहा है कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी.

विपक्षी गठबंधन की मुंबई में होनी है तीसरी बैठक (फाइल फोटो) विपक्षी गठबंधन की मुंबई में होनी है तीसरी बैठक (फाइल फोटो)
बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुकाबला करने के लिए व्यूह रचने की कवायद में है. इसे लेकर महाराष्ट्र के मुंबई में विपक्षी दलों के नेताओं की तीसरी बैठक होनी है. मुंबई के होटल हयात में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने जा रही इस तीसरी बैठक से पहले नई पार्टियों की एंट्री से लेकर प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी तक, I.N.D.I.A. गठबंधन का सस्पेंस थ्रिलर सामने आया है.

Advertisement

प्रधानमंत्री पद पर AAP का दावा

आम आदमी पार्टी ने मुंबई बैठक से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए अरविंद केजरीवाल का नाम आगे बढ़ा दिया. आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर आप मुझसे पूछें तो मैं चाहूंगी कि अरविंद केजरीवाल पीएम कैंडिडेट बनें. उन्होंने अपनी इस चाहत के पीछे दिल्ली सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं और कहा कि कमरतोड़ महंगाई के दौर में भी दिल्ली सरकार इसे काबू रखने में सफल रही है. केजरीवाल ऐसे नेता के तौर पर उभरे हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे सकता है.

प्रियंका कक्कड़ के बयान के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हर पार्टी चाहती है कि उसके नेता प्रधानमंत्री बनें. आम आदमी पार्टी भी चाहती है कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री बनें. जहां तक गठबंधन के पीएम कैंडिडेट की बात है, सब मिलकर निर्णय लेंगे. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं हैं.

Advertisement

विपक्षी गठबंधन ने SAD को दिया न्योता

विपक्षी गठबंधन की मुंबई में होने वाली तीसरी बैठक से पहले पंजाब की पार्टी शिरोमणि अकाली दल को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. सूत्रों के हवाले से खबर आई कि विपक्षी दलों की ओर से अकाली दल को भी I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया है. इस खबर पर अकाली दल की ओर से किसी तरह का बयान नहीं आया है. वहीं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने इसे अफवाह बताया है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने दो टूक कहा है कि कांग्रेस कभी अकाली दल से गठबंधन नहीं करेगी. अकाली वाले खुद ये अफवाह फैला रहे हैं कि बीजेपी के सामने उनकी वैल्यू बढ़ जाए.

हालांकि, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को हटा दें तो कांग्रेस या विपक्षी गठबंधन में शामिल किसी भी पार्टी के किसी नेता ने कुछ भी नहीं कहा है. वरिष्ठ पत्रकार सुधीर कुमार कहते हैं कि राजनीति में सब संभव है. आम आदमी पार्टी पटना की पहली बैठक से ही प्रेशर क्रिएट करती आई है. पंजाब में कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल, दोनों पार्टियों का वोट शेयर जोड़ दें तो वह आम आदमी पार्टी से अधिक है. आम आदमी पार्टी की महत्वाकांक्षा देखते हुए बारगेनिंग पावर कम करने के लिहाज से विपक्षी पार्टियां अकाली दल को गठबंधन में शामिल करने का दांव भी चल सकती हैं.  

Advertisement

I.N.D.I.A. गठबंधन को मायावती की NO

विपक्षी एकजुटता की कवायद के अगुवा नीतीश कुमार ने कहा था कि कुछ और पार्टियां I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल होंगी. नीतीश के इस बयान के बाद वो पार्टियां कौन सी हो सकती हैं? इसे लेकर बहस छिड़ गई. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का नाम भी लिया जा रहा था लेकिन अब मायावती ने खुद ट्वीट करके ये साफ कहा है कि हम न एनडीए में शामिल होंगे और ना ही I.N.D.I.A. में. बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने ये भी कहा कि दोनों ही गठबंधन में अधिकतर गरीब विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, पूंजीवादी पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के खिलाफ बसपा लगातार संघर्ष करती रही है. इनके साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं. मायावती के इस बयान से साफ हो गया है कि बसपा ने विपक्षी गठबंधन में शामिल होने को लेकर अपने दरवाजे अब बंद कर दिए हैं.

मुंबई बैठक से पहले एक नई पार्टी की एंट्री

मुंबई बैठक से पहले विपक्षी गठबंधन में एक नई पार्टी की एंट्री भी हुई है. इस बैठक की मेजबानी कर रही शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र की पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (पीडब्ल्यूपी) को भी न्योता भेजा है. महाराष्ट्र की इस क्षेत्रीय पार्टी की स्थापना 1948 में हुई थी. 75 साल पुरानी ये मार्क्सवादी पार्टी महाराष्ट्र के रायगढ़, नांदेड़, सोलापुर, नासिक, नागपुर और परभनी जिले में अच्छा प्रभाव रखती है. पीडब्ल्यूपी को निमंत्रण के साथ ही दो बातें साफ हो गई हैं- बेंगलुरु बैठक से चली आ रही कुनबा बढ़ाने की परंपरा जारी रहेगी और अब विपक्ष की नजर एक पॉकेट में मजबूत पकड़ रखने वाली छोटी-छोटी पार्टियों पर है.

Advertisement

वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क कहते हैं कि विपक्षी गठबंधन में समन्वय बनाना, एकजुटता बनाए रखना बहुत चुनौतीपूर्ण होगा. पटना की बैठक भी एकबार टली, बेंगलुरु की बैठक के लिए भी पहले हिमाचल प्रदेश के शिमला को चुना गया था. बैठकों का टलना और कई चीजों को लेकर अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के अलग-अलग बयान आ रहे हैं, वह अपने आप में इस बात के संकेत हैं कि आगे की राह कितनी मुश्किल होने वाली है.

छोटी-छोटी पार्टियों को साथ लाने के बीजेपी और एनडीए के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रहे विपक्ष की ये रणनीति कितनी कारगर साबित होती है? ये देखने वाली बात होगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement