Advertisement

बीमा क्षेत्र में 74% FDI को राज्यसभा की मंजूरी, इंश्योरेंस बिल पर बोली वित्त मंत्री ‘देश में ही रहेगा प्रीमियम का पैसा’

बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% करने वाले बीमा संशोधन विधेयक-2021 को आज राज्यसभा ने पारित कर दिया. इस पर सदन में चर्चा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे जुड़ी चिंताओं को दूर करने की कोशिश की.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST
  • ‘74% एफडीआई अधिकतम सीमा, अनिवार्य नहीं’
  • ‘नरसिम्हा राव-मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधारों का श्रेय’
  • ‘माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी सब आ रहे वापस’

बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% करने वाले बीमा संशोधन विधेयक-2021 को आज राज्यसभा ने पारित कर दिया. इस पर सदन में चर्चा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे जुड़ी चिंताओं को दूर करने की कोशिश की.

‘बीमा क्षेत्र Highly Regulated’
बीमा क्षेत्र में प्रीमियम से जमा होने वाली राशि के उपयोग को लेकर विपक्ष की चिंताओं को दूर करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में बीमा क्षेत्र सबसे अधिक रेग्युलेटेड क्षेत्र है. इस क्षेत्र में नियामक हर बीमा उत्पाद से लेकर, बीमा क्षेत्र में निवेश, उसकी मार्केटिंग सब तय करता है. सरकार ने कानून में प्रावधान किया है कि बीमा क्षेत्र में आने वाला पैसा देश के भीतर ही निवेश किया जाएगा. कोई भी कंपनी इसे किसी भी हालत में देश के बाहर जमा नहीं कर सकेगी.

Advertisement

‘74% एफडीआई अधिकतम सीमा, अनिवार्य नहीं’
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में FDI की सिर्फ ऊपरी सीमा 74% तय की जा रही है. इसका मतलब ये नहीं कि ये अनिवार्य शर्त है या इतना निवेश अचानक से सभी कंपनियों के पास अपने आप आ जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से निर्णय करेंगी. यदि उन्हें पैसे की जरूरत है तो हम क्यों उन्हें रोकें?

‘नरसिम्हा राव-मनमोहन सिंह के कामों का उनको श्रेय’
वित्त मंत्री ने कांग्रेस की सांसद अमी याज्ञिक के सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मानती हूं कि 1991 में देश की अर्थव्यवस्था को खोलने का फायदा हुआ. हम सब इसका लाभ उठा रहे हैं. इसके लिए  पी.वी. नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की जोड़ी को श्रेय दिया जाना चाहिए. उन्होंने उस समय आर्थिक सुधार किए जब उनके पास संख्या बल नहीं था. सवाल ये है कि क्या हम इस लाभ को यहीं रोकना चाहते हैं या और आगे बढ़ाना चाहते हैं. बीमा क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और उसे पूंजी की जरूरत है.’

Advertisement

विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी सब आ रहे वापस’
वित्त मंत्री ने कहा कि किसी ने आत्मनिर्भर भारत को लेकर भी कुछ कहा. मैं कहना चाहती हूं कि एफडीआई से आने वाला पैसा यहीं निवेश होगा. हम ये नहीं कह रहे कि यहां आओ, पैसा कमाओ और भाग जाओ. इस पर किसी सांसद ने विजय माल्या का नाम लिया. जिस पर वित्त मंत्री ने पलटवार किया कि हां विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी सबको हम वापस ला रहे हैं और ये आत्मनिर्भरता है और उन्हें देश के कानून का सामना करना होगा.

‘विपक्ष बहा रहा घड़ियाली आंसूं’
वित्त मंत्री के जवाब के दौरान आरक्षण का मुद्दा उठा. इस पर काफी हो-हल्ला हुआ. पलटवार करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिस पार्टी ने भीमराव अंबेडकर को चुनाव में हराने का प्रयास किया वो आज घड़ियाली आंसूं बहा रही है. हमारी सरकार ने अंबेडकर से जुड़े हर स्मारक को सुरक्षित किया. हमने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हर रणनीतिक क्षेत्र में सरकारी कंपनी की मौजूदगी रहेगी. वित्त क्षेत्र भी रणनीतिक क्षेत्र है इसलिए आरक्षण सुरक्षित रहेगा. मोदी जी की सरकार में आरक्षण अक्षुण्ण रखेगा. 

कांग्रेस का वॉकआउट
दरअसल निजीकरण को बढ़ावा मिलने से आरक्षण पर आंच आने को लेकर सदन में वित्त मंत्री के भाषण के दौरान हंगामा देखा गया. आरक्षण के मुद्दे पर हंगामे के बीच कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. हालांकि सदन ने बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

Advertisement

‘सितंबर 2022 तक JK के 100% घरों को बिजली-पानी’
लोकसभा में जम्मू-कश्मीर और पुडुच्चेरी की अनुपूरक अनुदान मांगों और बजट को लेकर चर्चा हुई. इस पर वित्त मंत्री ने जवाब दिया. अपने जवाब में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 100% घरों तक बिजली कनेक्शन की सौभाग्य योजना, 100% घरों तक पीने का पानी पहुंचाने की नल से जल की योजना का काम सितंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. जम्मू-कश्मीर के बजट पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में वहां जिला विकास परिषदों (DDC) के चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा ये दिखाता है कि लोग अनुच्छेद-370 के बाद आए बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें:

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement