
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं और एक-दूसरे पर लगातार हमलावर हैं. ऐसे समय में जब राजनीतिक विरोधी एक-दूसरे पर हमला करने का मौका नहीं गंवा रहे हैं, तब नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर के BJP अध्यक्ष रविंदर रैना के बीच एक सहानुभूति की कमेस्ट्री देखने को मिल रही है. दोनों ही नेता हाल ही में एक-दूसरे के प्रति नरमी बरतते देखे गए हैं.
शुक्रवार को एक स्थानीय मीडिया पोर्टल ने जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना के इंटरव्यू का एक छोटा-सा वीडियो अपलोड किया है. इस वीडियो में रविंदर रैना ने कहा कि उमर अब्दुल्ला उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन वह एक व्यक्ति के रूप में उनका सम्मान करते हैं. रैना को तेजतर्रार नेता माना जाता है. रैना ने उमर को 'जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं में एक रत्न' के रूप में बताया.
इसलिए हम दोस्त भी हैं...
रविंदर रैना ने आगे कहा- 'जब मैं दिल्ली में वाजपेयी साहब (तत्कालीन पीएम अटल बिहारी) से मिलने जाता था तो तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री उमर साहब से भी मिलता था. बाद में 2014 में मैं और उमर दोनों विधायक के रूप में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहुंचे. वहां मैंने देखा कि एक व्यक्ति के रूप में उमर अब्दुल्ला साहब जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं में एक रत्न हैं. वे एक व्यक्ति के रूप में बहुत अच्छे शख्स भी हैं. इसलिए हम दोस्त भी हैं.'
बैकडोर से अलायंस की चर्चा
रैना ने कहा- 'जब मैं कोरोना संक्रमित हो गया तो मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया. मुझे सबसे पहले उमर अब्दुल्ला साहब का फोन आया. उन्होंने मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.' ट्विटर पर वीडियो अपलोड करने वाले नेटिजन ने अनुमान लगाया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के बीच बैकडोर से अलायंस हो सकता है.
राजनीतिक रूप से असहमति के लिए नफरत नहीं करना पड़ेगी?
वहीं, इस ट्वीट का उमर अब्दुल्ला ने जवाब दिया और कहा कि राजनीतिक विरोधी दुश्मन नहीं हैं और राजनीति का मतलब बांटना और नफरत करना नहीं होता है. उन्होंने कहा- 'राजनीति बांटने और घृणा के बारे में क्यों है? यह कहां कहा गया है कि राजनीतिक रूप से असहमत होने के लिए हमें व्यक्तिगत रूप से एक-दूसरे से नफरत करना पड़ेगी? मेरे राजनीतिक विरोधी हैं, मेरे दुश्मन नहीं हैं. मैं रविंदर के सहानुभूतिपूर्ण शब्दों के लिए आभारी हूं और मुझे खुशी है कि वे हमें एक-दूसरे का विरोध करने से नहीं रोकेंगे.
दोनों नेताओं के बयान में नरमी से चर्चाएं
बताते चलें कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब नेशनल कॉन्फ्रेंस एनडीए सरकार का हिस्सा थी और उमर अब्दुल्ला को वाजपेयी सरकार में विदेश राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी. उमर अब्दुल्ला और रविंदर रैना के बीच हाल ही में नरमी वाले बयानों से राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस भविष्य में गठबंधन कर सकते हैं. हालांकि, दोनों पक्षों ने किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना से इनकार किया है.