
राजनीतिक दलों, छात्रों और अभिभावकों की ओर से किए गए तमाम विरोध प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियानों के बावजूद जेईई मेन्स की परीक्षाएं पूरे देश में निर्धारित तारीख पर ही कराई जा रही हैं. केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ भारतीय रेलवे ने भी छात्रों की मदद के उद्देश्य से कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाईं. फिर भी विपक्षी दल इन परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमले बोल रही है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जेईई मेन्स की परीक्षा में छात्रों को अनुपस्थिति को मुद्दा बनाकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की. अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में कहा, "आज JEE की परीक्षा में बंगाल में केवल 25% व अन्य राज्यों में 50% परीक्षार्थियों के ही भाग ले पाने की खबर दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार अवसर की समानता के सांविधानिक अधिकार का हनन कर रही है."
अपने इस ट्वीट में अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार के खिलाफ कई सारे हैश टैग का इस्तेमाल भी किया है. इससे पहले गुरुवार को ही अखिलेश यादव ने जेईई परीक्षाओं से जुड़ा एक और ट्वीट किया था. अपने दूसरे ट्वीट में अखिलेश यादव ने कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बीच परीक्षाएं करवाने को लेकर निशाना साधा है. अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा, "देश में 83,883 पार का बना 'विश्व कीर्तिमान' फिर भी लाखों बच्चे मजबूर हैं देने को इम्तिहान." इस ट्वीट में भी अखिलेश ने कई सारे हैश टैग का इस्तेमाल किया है.
वहीं दूसरी ओर बुधवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया था. पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया था, 'शिवराज जी आपकी एक और घोषणा का हश्र पुरानी घोषणाओं की तरह ही हुआ. जेईई - मेन्स व नीट परीक्षा को लेकर आपने प्रदेश में परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रो तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से निशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराये जाने की घोषणा बढ़-चढ़कर की थी.'