
देश में हाल में सांप्रदायिक हिंसा और हेट स्पीच के मामले सामने आने पर विपक्ष ने चिंता जताई है. शनिवार को कांग्रेस समेत 13 पार्टियों ने संयुक्त तौर पर एक संयुक्त बयान जारी किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल किए. विपक्ष ने कहा कि हम सभी पार्टियां लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हैं। हम लोग हैरान हैं कि देश में भोजन, वेशभूषा, आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मसलों का इस्तेमाल सत्तारूढ़ संस्थान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है.
संयुक्त बयान में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा- 'हम राजनीतिक दलों के नेता इस अपील को जारी करने के लिए एक साथ आए हैं. जिस तरह से हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए सत्तारूढ़ संस्थानों द्वारा जानबूझकर भोजन, पोशाक, आस्था, त्योहारों और भाषा से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे हम बेहद दुखी हैं. हम देश में हेट स्पीच की बढ़ती घटनाओं से बेहद चिंतित हैं, जिन्हें आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है और जिनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है.'
आधिकारिक संरक्षण से फैलाई जा रही नफरत
'हम देश के कई राज्यों में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं. हम बेहद चिंतित हैं, क्योंकि रिपोर्टों से पता मिलता है कि जिन क्षेत्रों में ये घटनाएं हुई हैं, वहां एक भयावह पैटर्न है. सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाले भड़काऊ भाषण दिए गए. जिस तरह से सोशल मीडिया और ऑडियो-विजुअल प्लेटफॉर्म का आधिकारिक संरक्षण के साथ नफरत और पूर्वाग्रह फैलाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है, उससे हम बेहद दुखी हैं.'
पीएम की चुप्पी हैरान करने वाली
'हम प्रधानमंत्री की चुप्पी पर हैरान हैं, जो कट्टरता फैलाने वालों के खिलाफ बोलने में विफल रहे हैं. ये चुप्पी इसका तथ्यात्मक प्रमाण है कि इस तरह की निजी सशस्त्र भीड़ आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है. हम सदियों से भारत को परिभाषित और समृद्ध करने वाले सामाजिक सद्भाव के बंधन को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के अपने सामूहिक संकल्प को दोहराते हैं.'
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे
'हम उन जहरीली विचारधाराओं का मुकाबला करने और उनका सामना करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं जो हमारे समाज में विभाजन की जड़ें जमाने का प्रयास कर रही हैं. हम अपने दृढ़ विश्वास को दोहराते हैं कि हमारा देश तभी समृद्ध होगा जब वह अपनी कई विविधताओं का सम्मान, समायोजन और जश्न मनाएगा. हम सभी वर्गों से शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की इच्छा रखने वालों के उद्देश्य को विफल करने की अपील करते हैं. हम देश भर में अपनी सभी पार्टी इकाइयों से शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए स्वतंत्र रूप से और संयुक्त रूप से काम करने का आह्वान करते हैं.' शशि थरूर ने भी ट्वीट कर शायराना अंदाज में केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
पत्र में इन नेताओं के हस्ताक्षर
सोनिया गांधी, अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शरद पवार, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल और अध्यक्ष, तृणमूल कांग्रेस
एमके स्टालिन, मुख्यमंत्री, तमिलनाडु और अध्यक्ष, डीएमके
सीताराम येचुरी, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड और कार्यकारी अध्यक्ष झामुमो
डॉ. फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर और अध्यक्ष, नेशनल कॉन्फ्रेंस
तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष - बिहार विधानसभा, राजद
डी. राजा, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
देवव्रत विश्वास, महासचिव, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक
मनोज भट्टाचार्य, महासचिव रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी
पीके कुन्हालीकुट्टी, महासचिव, आईयूएमएल
दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल)-लिबरेशन
गौरतलब है कि 10 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर देश के कुछ हिस्सों से सांप्रदायिक हिंसा की खबरें सामने आई थीं. इनमें गुजरात के हिम्मतनगर और खंबट, मध्य प्रदेश के खरगोन, झारखंड के लोहरदगा और बर्नी, पश्चिम बंगाल के शिबपुर में घटनाएं सामने आई थीं.
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