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यूपी में 'मिशन 80' को धार देने के लिए जेपी नड्डा ने बनाई ये रणनीति

इस बार यूपी में बीजेपी ने मिशन 80 यानि सभी लोकसभा सीटों में जीत दर्ज़ करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है वो 14 सीटें हैं जो अभी तक पार्टी नहीं जीत पाई है. उसी ट्रेंड को बदलने के लिए जेपी नड्डा ने एक रणनीति तैयार की है.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (पीटीआई) बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (पीटीआई)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

दोबारा बीजेपी अध्यक्ष चुने गए जेपी नड्डा मिशन 2024 की तैयारी के साथ अपनी नयी पारी की शुरुआत करेंगे. इसके लिए सबसे बड़ी रणभूमि उत्तर प्रदेश में नड्डा अध्यक्ष का कार्यविस्तार मिलने के दो दिन बाद 20 जनवरी को उतरेंगे. नड्डा विपक्ष के कब्जे वाले गाजीपुर से अपनी दूसरी पारी का आगाज करेंगे. इसके लिए गाजीपुर में तैयारी की जा रही है.

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सदस्य संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी मिशन 2024 की तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसके लिए उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें काफ़ी अहम हैं. बीजेपी 2014 में अपने सहयोगियों के साथ यूपी में 73 तक सीटें जीतने का लक्ष्य हासिल कर चुकी है. इस बार यूपी में मिशन 80 यानि सभी लोकसभा सीटों में जीत दर्ज़ करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है वो 14 सीटें जो अभी बीजेपी के पास नहीं हैं. इन्हीं में ग़ाज़ीपुर लोकसभा सीट भी है जिसमें माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी के भाई अफ़जाल बीएसपी के सांसद हैं. जून 2024 तक कार्यविस्तार मिलने के बाद नड्डा के लिए मिशन 2024 बहुत अहम है. 20 जनवरी को जेपी नड्डा ग़ाज़ीपुर पहुँच कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे.साथ ही जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे.

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जनसभा करेंगे, कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे नड्डा 

अध्यक्ष के रूप में  डेढ़ साल का कार्यकाल मिलने के बाद ये जेपी नड्डा के सामने 2019 से ज़्यादा बड़े बहुमत के साथ लौटने का लक्ष्य है. ग़ाज़ीपुर में चुनाव की दृष्टि से नड्डा का ये पहला कार्यक्रम होगा. जिसमें नड्डा सीधे लोगों के बीच केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बखान करेंगे. नड्डा न सिर्फ़ जनसभा को सम्बोधित करेंगे बल्कि माना ये जा रहा है कि मुख़्तार और परिवार के वर्चस्व को तोड़ने के लिए बैठक में कार्यकर्ताओं को मंत्र भी देंगे. फ़िलहाल माना ये जा रहा है कि नड्डा दोबारा अध्यक्ष बनने के बाद अगले दो दिन में अलग अलग बैठकों में अपने लक्ष्य को स्पष्ट करेंगे. लेकिन जनसभा का फ़िलहाल ये कार्यक्रम तय किया गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने ग़ाज़ीपुर जाकर न सिर्फ़ तैयारियों की समीक्षा की है बल्कि कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में कोई कमी न रहे. वहीं पार्टी के प्रदेश के कई नेता नड्डा के दौरे को सफल बनाने के लिए ग़ाज़ीपुर में ही डेरा जमाए हैं.

जेपी नड्डा के कार्यक्रम को लेकर साल की शुरुआत में यूपी प्रवास पर आए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने रूपरेखा बनायी थी. उसी समय ये कहा गया था कि यूपी में हारी हुई 14 सीटों को लेकर अलग से रणनीति तैयार की जाएगी. ये भी तय हुआ है कि खुद गृह मंत्री अमित शाह के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हारी हुई सीटों की कमान सम्भालने वाले हैं. उसके बाद नड्डा के दौरे की तैयारी शुरू हो गयी थी .हालांकि नियमानुसार बीजेपी अध्यक्ष का दौरा राज्यों में हर साल होता है पर इस बार देश भर में हारी हुई सीटों के लिए अलग से रणनीति पार्टी तैयार कर रही है. जिसकी कमान खुद अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने हाथ में लेंगे.

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पुराने सहयोगी ओम प्रकाश राजभर पर भी रहेगी नज़र

हालांकि इसी वर्ष 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, पर यूपी में नड्डा के शुरुआती दौरे के लिए ख़ास तौर पर ग़ाज़ीपुर का चुनाव कई संकेत दे रहा है. ग़ाज़ीपुर लोकसभा सीट पर न सिर्फ़ बीजेपी 2019 में हारी थी बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का सफ़ाया करते हुए समाजवादी पार्टी ने सातों सीटों पर क़ब्ज़ा जमाया था. लेकिन तब से राजनीतिक स्थितियां बदल चुकी हैं. ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी गठबंधन से खुद को न सिर्फ़ अलग कर लिया है बल्कि पुराने साथी बीजेपी के प्रति लगातार नरमी का संकेत भी दे रहे हैं. खुद प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी समेत कई नेता राजभर के सवाल पर ये कह चुके हैं कि पार्टी के लिए कोई भी अछूत नहीं है .ऐसे में ग़ाज़ीपुर में नड्डा का मिशन 2024 का आग़ाज़ यूपी में कुछ राजनीतिक बदलाव लेकर भी आ सकता है. हालांकि नड्डा के दोबारा अध्यक्ष चुने जाने के बाद बीच में दो दिन का समय भी है. पार्टी इस पर कोई कार्यक्रम तय कर सकती है.

वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार का कहना है कि ‘बीजेपी एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव की तैयारी शुरू कर देती है.साथ ही सबसे मुश्किल सीटों से शुरुआत करती रही है.जिससे इसे एक इवेंट के तौर पर पेश किया जा सके.नड्डा के ग़ाज़ीपुर दौरे और सभा को भी बीजेपी के रणनीतिकारों की इसी रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है.’ ग़ाज़ीपुर से नड्डा का चुनावी आग़ाज़ और जनसभा इस दृष्टि से भी अहम है कि मुख़्तार अंसारी के सम्बन्धियों पर योगी सरकार ने लगातार कार्रवाई की है.उनके क़रीबियों की सम्पत्ति पर बुल्डोज़र चलाकर क़ानून व्यवधान दुरुस्त करने और माफिया राज ख़त्म करने का बक़ायदा संदेश दिया है.ऐसे में नड्डा की इस रैली और बैठक में ये बात भी सामने आएगी कि बीजेपी के लिए ये लोकसभा सीट कितनी अहम है.नड्डा पूर्व सैनिकों और सैनिकों के परिवार जनों को भी सम्बोधित कर सकते हैं.साथ ही किसी कार्यकर्ता के घर भोजन भी कर सकते हैं.

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