
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार को पश्चिम बंगाल कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की. उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल में अभी चुनाव संपन्न हुए हैं. पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने काफी कम समय में लंबी यात्रा तय की है. याद कीजिए 2014 लोकसभा चुनाव को, जब हमारे दो सांसद चुन कर आए थे- बाबुल सुप्रियो और एसएस अहलूवालिया. हमें 18 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं 2016 विधानसभा चुनाव में हमें तीन सीटें मिली. हमारा वोट प्रतिशत 10.16 था.
वहीं अगर 2019 लोकसभा चुनाव को याद करें तो बीजेपी को 40.25 प्रतिशत वोट मिला था. 42 लोकसभा सीट में से 18 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गई. बीजेपी को लगभग 2 करोड़ 30 लाख वोट मिले थे. वहीं अगर 2021 विधानसभा चुनाव की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी का वोट प्रतिशत 38.01 प्रतिशत रहा. दो करोड़ 27 लाख वोट भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गिरे. नतीजा यह हुआ कि तीन विधानसभा सीटों पर काबिज बीजेपी अब 77 सीटों पर पहुंच गई है. यह एक लंबी छलांग है.
नड्डा ने कहा, 'तीन दशक तक राज करने वाली सीपीएम पूरी तरह समाप्त हो गई. ढाई दशक तक रहने वाली कांग्रेस पार्टी समाप्त हो गई. मैदान में दो पार्टी ही रही. तृणमूल कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी. अब विपक्ष में केवल भारतीय जनता पार्टी है. मैं मानता हूं कि लड़ाई लंबी है. लेकिन अगर इतने कम समय में लड़ाई लड़कर इस मुकाम तक पहुंच सकते हैं तो अगले पांच सालों में भारतीय जनता पार्टी सरकार में रहेगी.
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उन्होंने कहा कि यह मैं कहने के लिए नहीं कह रहा हूं. हमलोग ऐसा करेंगे. हमलोग जानते हैं कि टीएमसी ने अपनी विजय नहीं मनाई और इससे पहले ही विध्वंस की राजनीति शुरू कर दी. उन्होंने जिस तरीके से राजनीतिक हिंसा का सहारा लिया वह हमें मालूम है. चुनाव केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और असम में भी हुए थे. कहीं भी चुनाव के बाद हिंसा नहीं हुई, लेकिन यहां हिंसा हुई. क्योंकि बाकी राज्यों में टीएमसी नहीं थी.
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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हमारे 1,298 पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले हुए. यह सभी मामले दर्ज हैं. लगभग 1,399 प्रॉप्रर्टी को बर्बाद किया गया. उनकी संपत्ति लूटी गई. 676 घटनाएं केवल लूट की हुई हैं और लगभग 108 परिवारों को धमकी दी गई. कमीशन के अंदर 2067 केस दर्ज हुए हैं. मानवाधिकार आयोग में 254 केस दर्ज हुए हैं. SC कमीशन में 1769 मामले दर्ज हुए हैं. ST कमीशन में 25 मामले दर्ज हुए, महिला आयोग में 19 केस दर्ज हुए और 5650 पुलिस शिकायत दर्ज हुई हैं.