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वक्फ बिल पर JPC की पहली बैठक में हंगामा, ओवैसी और BJP सांसद गांगुली भिड़े, RJD-TDP और LJP का रहा ये रुख

वक्फ संशोधन बिल को लेकर बनी जेपीसी की आज पहली बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल पर प्रेजेंटेशन लाने वाले अधिकारियों से पूछताछ की. टीडीपी और एलजेपी जैसे बीजेपी के सहयोगियों ने भी सरकार से मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए कहा.

Asaduddin Owaisi/Abhijeet Ganguly (File Photo) Asaduddin Owaisi/Abhijeet Ganguly (File Photo)
अमित भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:24 PM IST

वक्फ संशोधन बिल 2024 का विपक्ष शुरू से ही विरोध कर रहा है. ऐसे में आज (22 अगस्त) इस बिल को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की पहली बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक यह बैठक 6 घंटे तक चली. जेपीसी की बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों और भाजपा के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई.

सूत्रों के मुताबिक विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल पर प्रेजेंटेशन लाने वाले अधिकारियों से पूछताछ की. टीडीपी और एलजेपी जैसे बीजेपी के सहयोगियों ने भी सरकार से मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए कहा. हालांकि, भाजपा के इन सहयोगियों ने भी बीच का रास्ता चुना. सूत्रों का कहना है कि जेडीयू मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को सामने रखेगी, जिन्हें उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों से लिया जाएगा.

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बैठक के दौरान विपक्ष का मुख्य जवाब अनुच्छेद 26 पर आधारित था. विपक्षी सांसदों ने भाजपा से पूछा,'इन संशोधनों को लाने के पीछे क्या कारण है, ये संशोधन क्यों लाए जा रहे हैं? संसद के सामने मस्जिद सहित वक्फ बोर्ड की संपत्तियां 200-300 साल पुरानी हैं. अब विवाद क्यों शुरू करें? क्या आप मुसलमानों को सिख या हिंदू मंदिर ट्रस्ट का हिस्सा बनने देंगे?'

ये 3 BJP सांसद रहे नदारद

सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी के अभिजीत गांगुली के बीच तीखी बहस हुई. INDIA ब्लॉक के सांसदों ने गांगुली के व्यवहार का कड़ा विरोध किया. टीएमसी के कल्याण बनर्जी और AAP के संजय सिंह ने भी BJP सांसदों के साथ तीखी बहस की. वाईएसआर सीपी ने भी वक्फ संशोधनों का विरोध किया. जेपीसी के 3 सदस्य निशिकांत दुबे, राधा मोहन दास अग्रवाल और सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (एनसीपी-एसपी) पहली जेपीसी बैठक में शामिल नहीं हुए. ओवैसी और सपा के मोहिबुल्लाह नदवी सहित 5 विपक्षी सदस्यों ने प्रस्तावित संशोधनों का लिखित विरोध किया.

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अगली बैठक 30 अगस्त को

बैठक के दौरान विपक्ष ने मांग की कि हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए जाने चाहिए. साथ ही सुझावों, प्रतिक्रियाओं और चिंताओं को आमंत्रित करने के लिए ईमेल आईडी और फोन नंबर जारी किए जाने चाहिए. बता दें कि इस मामले पर जेपीसी की अगली बैठक 30 अगस्त को होगी.

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