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बस्ती में आग तो बेडरूम की चिंता नहीं, कांग्रेस बड़ा जहाज... कन्हैया कुमार के 5 बड़े डायलॉग

लेफ्ट के नेता रहे कन्हैया कुमार ने मंगलवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ले ली. कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि वो इस पार्टी में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा.

कन्हैया कुमार. कन्हैया कुमार.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST
  • कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार
  • बोले- कांग्रेस नहीं बची, देश नहीं बचेगा

कांग्रेस के लिए मंगलवार का दिन काफी अहम रहा. जहां पंजाब में सियासी उठापठक फिर से शुरू हो गई तो वहीं लेफ्ट के नेता रहे कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ले ली. कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कन्हैया कुमार ने बताया कि वो इस पार्टी इसलिए आ रहे हैं क्योंकि अगर कांग्रेस नहीं बची, तो देश नहीं बचेगा. कन्हैया ने करीब 15 मिनट तक बोला और इस दौरान उन्होंने कई बड़े डायलॉग भी मारे. क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं...

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1. कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा

मुझे महसूस होता है कि इस देश में कुछ लोग, वो सिर्फ लोग नहीं है, वो एक सोच है. इस देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्स, इतिहास, वर्तमान और भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. कहीं मैंने पढ़ा था कि आप अपने दुश्मन का चुनाव कीजिए, दोस्त अपने आप बन जाएंगे. तो हमने ये चुनाव किया है. हम इस देश की सबसे पुरानी पार्टी, सबसे लोकतांत्रिक पार्टी में हम इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि अब लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा. 

2. बस्ती में आग लगी हो तो बेडरूम की चिंता नहीं करनी चाहिए

मेरे कई राजनीतिक दोस्तों को लगता है कि ये देश 1947 से पहले की स्थिति में चला गया है. मुझे नहीं लगता है लेकिन जिनको लगना चाहिए उनके पॉलिटिकल इमेजिनेशन में आज भी हर कोई अपना-अपना शोरूम बचाने के चक्कर में है. अरे भाई मॉल में आग लग गई है, दुकान बचाओगे. बस्ती में जब आग लग जाती है तो बेडरूम की चिंता नहीं करनी चाहिए. 

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3. जहाज नहीं बचा तो छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी

जो लोग कह रहे हैं कि विपक्ष कमजोर हो गया है. ये सिर्फ विपक्ष के लिए चिंता की बात नहीं है. कोई शास्त्र, कोई किताब उठाकर देख लीजिए जब विपक्ष कमजोर हो जाता है तो सत्ता तानाशाही रूख अख्तियार कर लेती है. इसीलिए देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को नहीं बचाया गया, अगर बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी. 

4. ये वक्त टुकुर-टुकुर तांकने का नहीं है

जो युवा मुझे सुन रहे हैं, उनसे भी मैं आग्रह करता हूं कि दीवार पर बैठकर टुकुर-टुकुर मुंह ताकने का वक्त नहीं है. ये अर्जेंसी का टाइम है और इस टाइम पर दीवार पर बैठ करके कि दांया जाएं कि बांया जाएं, ये मत सोचिए. जब आप जंग में होते हैं तो आपके पास जो होता है, आप उससे मुकाबले करने की कोशिश करती हैं. 

5. संघ परिवार पर किया हमला

वो क्या परिवार, जो परिवार छोड़कर परिवार बनाना पड़े. वो परिवार जो आपको परिवार छोड़ने के लिए नहीं कहता है. महात्मा गांधी कस्तूरबा गांधी को लेकर अंग्रेजों से लड़ गए. डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने परिवार के साथ रहते थे. जितने बड़े लोग हैं, उनका इतिहास उठाकर देख लीजिए, सब लोग अपने परिवार के साथ रहते थे. वो परिवार छोड़कर परिवार बनाना वाला नहीं, न्याय-संघर्ष के लिए मैं इस परिवार में शामिल हुआ हैं.

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