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'...तो 2028 में भंग कर दूंगा पार्टी', जानें क्यों बोले कर्नाटक के पूर्व CM एचडी कुमारस्वामी

कुछ दिन पहले ही जद (एस) विधायक और कुमारस्वामी की पत्नी अनीता कुमारस्वामी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए किसानों से जितने चाहें उतना कर्ज लेने का आग्रह किया और कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो उन्हें माफ कर देगी. रामनगर की विधायक ने राज्य में सत्ता में वापस आने के बाद 24 घंटे के भीतर सभी कर्ज माफ करने का वादा किया.

कर्नाटक के पूर्व CM एचडी कुमारस्वामी (File Photo) कर्नाटक के पूर्व CM एचडी कुमारस्वामी (File Photo)
सगाय राज
  • बेंगलुरु,
  • 19 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST

कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्य में कई प्रोजेक्टों का उद्घाटन किया तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने 2028 तक किसानों को कर्ज मुक्त नहीं कर पाने पर पार्टी भंग करने की घोषणा की है.

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कर्नाटक के विजयपुरा जिले में बोलते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि अगर मैं ऐसी व्यवस्था नहीं कर सका, जो किसानों को कर्ज मुक्त रख सकें तो 2028 के चुनाव में अपनी पार्टी को भंग कर दूंगा और मैं वोट मांगने नहीं आऊंगा. हमारे किसान कर्ज में डूबे न हों, मैं उस तरह का वित्तीय कार्यक्रम लाने की कोशिश करूंगा और यह इस पंचरत्न रैली का तीसरा संकल्प है.

बता दें कि कुछ दिन पहले ही जद (एस) विधायक और कुमारस्वामी की पत्नी अनीता कुमारस्वामी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए किसानों से जितने चाहें उतना कर्ज लेने का आग्रह किया और कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो उन्हें माफ कर देगी. रामनगर की विधायक ने राज्य में सत्ता में वापस आने के बाद 24 घंटे के भीतर सभी कर्ज माफ करने का वादा किया. 

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इस दौरान अनीता कुमारस्वामी ने किसानों से कहा था, "कुमारन्ना (कुमारस्वामी) ने सत्ता में वापस आने के 24 घंटों के भीतर कर्ज माफ करने का वादा किया है. आप जितना चाहें ले लें. उसके बाद, वह कर्ज चुका देंगे. कोई समस्या नहीं है."

गौरतलब है कि 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का के लिए 112 सीटें चाहिए. रिपोर्ट्स के मुकाबिक जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 123 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, पार्टी के पुराने रिकॉर्ड की बात करें तो इसने 2004 के विधानसभा चुनाव में 58 सीट जीती थीं और इसके बाद से ही लगातार इसमें कमी नजर आई है. 2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2013 में जेडीएस की सीटें बढ़कर 40 हो गई थीं, लेकिन 2018 में 37 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी. 

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