
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने देश के अन्य राज्यों के गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वो एकजुट होकर केंद्र के सामने वैक्सीन को लेकर अपनी जायज मांग रखें. जिससे राज्यों को केंद्र की तरफ से वैक्सीन मिल सके और उन्हें मुफ्त में वितरित किया जा सके.
उन्होंने लिखा, यह अनुभव किया गया है कि केंद्र सरकार का मत है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए राज्य खुद अपने जरूरी कदम उठाएं. वैक्सीन की मांग की तुलना में वैक्सीन की सप्लाई काफी ज्यादा है. हम सबको पता है कि वायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी बनाने के लिए वैश्विक टीकाकरण जरूरी है.
उन्होंने आगे लिखा, मैंने इस संबंध में पहले भी पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि कैसे वैक्सीन की जरूरतों को लेकर जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि वैक्सीन लोगों को मुफ्त में मुहैया कराई जानी चाहिए. आर्थिक कारणों से वैक्सीनेशन से कोई अछूता नहीं रहना चाहिए.
सीएम विजयन ने पत्र में लिखा है कि देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से गुजर रहा है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि वैक्सीन दिलाने की जिम्मेदारी को केंद्र ने राज्यों के कंधे पर छोड़ दिया है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते राज्यों में हालात काफी खराब हो गए. इसके इतर जानकारों ने तीसरी लहर आने की भी चेतावनी दी है.
देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से गुजर रहा है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि वैक्सीन दिलाने की जिम्मेदारी को केंद्र ने राज्यों के कंधे पर छोड़ दिया है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते राज्यों में हालात काफी खराब हो गए. इसके इतर जानकारों ने तीसरी लहर आने की भी चेतावनी दी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें तैयारियां और बेहतर रखनी होगी.
इन हालातों को ध्यान में रखते हुए अगर वैक्सीन की खरीद को केंद्र अगर राज्यों पर छोड़ देगा तो राज्यों में आर्थिक संकट भी गहराने लगेगा. राज्यों की आर्थिक मजबूती संघीय ढांचे का जरूरी हिस्सा होता है. ऐसे में अगर राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी तो इसका बुरा असर पड़ेगा और साथ ही जल्द से जल्द हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने में भी बाधा आएगी.