केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि परिणामों से पता चला है कि यूडीएफ और उसकी अवसरवादी राजनीति का केरल में कोई स्थान नहीं है. कांग्रेस भाजपा के साथ झूठे अभियान चला रही थी और LDF को बदनाम कर रही थी. उन्होंने कहा कि एलडीएफ को स्थानीय निकाय चुनावों में व्यापक जीत मिली है. ये राज्य के लोगों की जीत है. यह चुनाव परिणाम उन लोगों को जवाब है जो केरल को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.
LDF ने एक बार फिर से तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर कब्जा कर लिया है. LDF ने 2015 के 42 के मुकाबले अपनी सीटें बढ़ाकर 50 से ज्यादा कर ली है.
नगर निगम चुनावों में हाई वोल्टेज चुनाव प्रचार के बावजूद बीजेपी 34 सीटें लेती दिख रही हैं. पिछले बार भी बीजेपी का आंकड़ा इसी के आस-पास था.
तिरुवनंतपुरम नगर निगम के इतिहास में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है. पार्टी मात्र 10 सीटों पर ही जीत पाई है. पिछली बार कांग्रेस 21 सीटें जीती थीं.
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में लेफ्ट की अगुवाई वाली LDF बहुमत हासिल करने के करीब है. यहां एलडीएफ 45 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, एनडीए 28 पर आगे चल रही है. यूडीएफ 9 सीटों पर जबकि अन्य पार्टियां 5 सीटों पर आगे चल रही है. तिरुवनंतपुरम नगर निगम में 51 सीट हासिल करने पर निगम गठित किया जा सकता है.
केरल के स्थानीय निकाय के चुनाव में सत्तारूढ़ एलडीएफ अपनी बढ़त बनाए रखा है. जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाली UDF दूसरे नंबर पर है. NDA तीसरे नंबर पर रही है. ग्राम पंचायत सीटों में LDF 482 पर UDF 383 पर और NDA 24 सीटों पर आगे चल रही है. अन्य 40 सीटों पर आगे चल रहे हैं. ब्लॉक पंचायतों में LDF- 203 UDF-48 अन्य 1 सीटों पर आगे चल रहे हैं. 14 जिला पंचायत में LDF-10 UDF-4 पर आगे चल रही है. म्यूनिशिपलिटी में LDF-42 UDF-39 NDA-2 और अन्य 6 सीटों पर आगे चल रही है. निगम में UDF 3 और LDF 3 सीटों पर आगे चल रही है.
पंडालम म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन में एनडीए ने सीपीएम की अगुवाई वाले LDF को शिकस्त दी है और इस सीट पर कब्जा कर लिया है.
केरल निकाय चुनाव के ताजा नतीजों की बात करें तो एलडीएफ 7 वार्डों में जीत चुकी है, एनडीए को 3 वार्ड पर जीत मिली है, और यूडीएफ को 1 वार्ड पर जीत मिली है. तिरुवनंतपुरम में एनडीए 13 वार्ड पर आगे है, LDF 21 पर आगे चल रही है, UDF 4 वार्ड पर आगे है. तिरुवनंतपुरम में LDF के मेयर कैंडिडेट एस पुष्पलता एनडीए कैंडिडेट से 145 वोटों से हार गई हैं.
केरल के स्थानीय निकाय के चुनाव में सत्तारूढ़ एलडीएफ अपनी बढ़त बनाए रखने में कायम दिख रहा है. जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाली UDF दूसरे नंबर पर है. हालांकि NDA ग्रामीण इलाकों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है.
941 ग्राम पंचायत सीटों में LDF 403 पर UDF 341 पर और NDA 29 सीटों पर आगे चल रही है. अन्य 56 सीटों पर आगे चल रहे हैं.
152 ब्लॉक पंचायतों में LDF-93 UDF-56 NDA-2 सीटों पर आगे चल रही है.
14 जिला पंचायत में LDF-11 UDF-3 पर आगे चल रही है.
86 म्यूनिशिपलिटी में LDF-38 UDF-39 NDA-3 और अन्य 6 सीटों पर आगे चल रही है.
तिरुवनंतपुरम में इस वक्त मतगणना में एलडीएफ और एनडीए के बीच तगड़ी टक्कर चल रही है. एलडीएफ 22 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी प्लस 12 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस की अगुवाई वाली UDF तीसरे स्थान पर चली गई है और वो मात्र 3 सीटों पर आगे चल रही है. अभी 62 सीटों पर मतगणना शुरू होनी बाकी है. इनमें से कई सीटें बीजेपी की पकड़ वाली मानी जाती है.
केरल निकाय चुनाव से रोचक नतीजे सामने आए हैं. कोच्चि नगर निगम में कांग्रेस का मेयर उम्मीदवार बीजेपी कैंडिडेट से एक वोट से हार गया है. कांग्रेस उम्मीदवार एन वेणुगोपाल को 181 वोट मिले, जबकि बीजेपी की टी पद्माकुमारी को 182 वोट मिले हैं. हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर फिर से वोटों की गिनती की मांग की है.
हालांकि पूरे निगम में कांग्रेस की अगुवाई वाली UDF 17 सीटों पर जीत के साथ अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि लेफ्ट की अगुवाई वाली LDF को 16 सीटों पर जीत मिली है.
केरल निकाय चुनाव के रुझान आने शुरू हो गए हैं. ताजा रुझानों में ग्राम पंचायत के नतीजों में कांग्रेस समर्थित UDF 81 सीटों पर आगे चल रही है. LDF 76 सीटों पर आगे है. एनडीए 9 सीटों पर बढ़त बनाई है, जबकि अन्य 23 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
एनडीए 4 निकायों पर आगे चल रही है. जबकि यूडीएफ 35 और LDF 33 सीटों पर आगे है.
केरल निकाय चुनावों से बीजेपी को उम्मीद है कि वह निकाय चुनाव के जरिए वामपंथी दलों के नेतृत्व वाले (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के साथ केरल के सियासी जंग को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल सकती है. पढ़ें पूरी खबर- केरल में कितना चला BJP का अल्पसंख्यक कार्ड? आज चुनावी नतीजों से होगा फैसला
2015 के केरल निकाय चुनाव में 941 ग्राम पंचायतों में से एलडीएफ 551 सीटों पर जीत हासिल कर अव्वल रही थी. यूडीएफ ने 362 पंचायत पर कब्जा जमाया था. एनडीए ने 17 पंचायत पर कब्जा जमाया था. 152 ब्लॉक पंचायतों में से एलडीएफ ने 88, यूडीएफ ने 62, एक एनडीए और एक अन्य ने कब्जा जमाया था. 14 जिला पंचायतों में से एलडीएफ और यूडीएफ ने 7-7 पर जीत दर्ज की थी जबकि एनडीए एक भी जिले में कब्जा नहीं जमा सकी थी.