
केके शैलजा. ये केरल की स्वास्थ्य मंत्री हैं. 2018 में आए निपाह वायरस और उसके बाद कोरोना संक्रमण को काबू करने में इन्होंने जिस तरह की भूमिका निभाई, उससे देशभर में इनकी तारीफ हुई. लेकिन अब केके शैलजा ज्यादा वक्त तक स्वास्थ्य मंत्री नहीं रहेंगी. वो इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपनी कैबिनेट में इस बार नए चेहरों को ही रखने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में पुराने चेहरों को नहीं रखा जाएगा. सब नए चेहरे होंगे. उनके इस फैसले के बाद से केरल की राजनीति में हंगामा भी मचा हुआ है. सबसे ज्यादा विवाद केके शैलजा को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर हो रहा है.
मंगलवार को सीपीएम पार्टी की एक मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में तय हुआ कि नई सरकार में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ही एकमात्र अकेले पुराने मंत्री होंगे. बाकी सारे नए चेहरों को ही शामिल किया जाएगा. पिनराई विजयन दूसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर गुरुवार को शपथ लेंगे.
केरल के राजनीतिक इतिहास में 45 साल में ये पहली बार हुआ था जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर आई. जीत का सहरा पिनराई विजयन के सिर पर ही बंधा. लेकिन अब उनकी सत्ता में दोबारा वापसी विवाद का कारण भी बन रही है, क्योंकि उन्होंने कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने का फैसला लिया है. लेकिन सबसे चौंकाने वाला नाम केके शैलजा का रहा. केके शैलजा को 'पेंडेमिक फाइटर' भी कहा जाता है, क्योंकि 2018 में उन्होंने निपाह वायरस और फिर कोरोनावायरस को काबू करने में अहम भूमिका निभाई.
रिकॉर्ड मतों से जीतीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा, कोविड मैनजमेंट की गुडविल आई काम
केरल के कोविड-19 मैनेजमेंट का चेहरा केके शैलजा ही रही हैं. दो-दो खतरनाक संक्रमण से अच्छी तरह से निपटने की वजह से केके शैलजा ने इस बार रिकॉर्ड 60,963 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. इस बार शैलजा मट्टानूर विधानसभा सीट से जीतकर आई हैं. पिछली बार कुथुपरंबा सीट से चुनाव लड़ा था और 12,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
बताया जा रहा है कि वृंदा करात समेत सीपीएम के कई बड़े नेताओं ने शैलजा को कैबिनेट से हटाने पर आपत्ति जताई थी. हालांकि, ऐसा भी माना जा रहा है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता की वजह से ही उनको नुकसान हुआ है.
अब परिवार को जगह
लेफ्ट पार्टियां अक्सर राजनीति में परिवारवाद का विरोध करती रही हैं. लेकिन दोबारा विजयन की वापसी ने कैबिनेट में परिवारवाद की एंट्री भी करा दी है. पिनराई विजयन की नई कैबिनेट में उनके दामाद पीए मोहम्मद रियाज को जगह मिल गई है. मोहम्मद रियाज डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के अध्यक्ष हैं. DYFI से ही रियाज की सीपीएम में एंट्री हुई है.
मोहम्मद रियाज ने पिछले साल जून में सीएम विजयन की बेटी टी. वीना से शादी की थी. शादी को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ और उन्हें कैबिनेट में जगह मिल गई है. केरल में संभवतः ये पहली बार हुआ है जब लेफ्ट पार्टी से चुने गए किसी मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में अपने परिवार के किसी सदस्य को जगह दी है.
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मोहम्म रियाज इकलौते नहीं हैं. उनके बाद लेफ्ट की ताकतवर नेताओं में से एक आर बिंदु को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है. बिंदु सीपीएम के राज्य सचिव ए. विजयराघवन की पत्नी हैं. आर. बिंदु उन दो महिलाओं में हैं जिन्हें नई कैबिनेट में जगह मिली है. दूसरी महिला वीणा जॉर्ज हैं. खास बात ये भी है कि मोहम्मद रियाज और आर. बिंदु दोनों ही पहली बार विधायक चुने गए हैं.
ऐसी होगी विजयन की नई कैबिनेट
केरल की नई कैबिनेट में 20 मंत्री बनाए जाएंगे. इनमें 12 मंत्री सीपीएम कोटे से, 4 सीपीआई कोटे से और एक-एक केरल कांग्रेस (मणि) और जनता दल (सेक्युलर) के कोटे से बनाए जाएंगे. इनके अलावा चार छोटी पार्टियों से दो-दो मंत्री 30-30 महीने के लिए बनाए जाएंगे. यानी दो पार्टी से दो मंत्री शुरुआती 30 महीने के लिए और बाकी दो पार्टी से दो मंत्री बाद के 30 महीने के लिए बनेंगे.