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कृषि कानूनों के एक साल: अकाली दल का ब्लैक फ्राईडे, AAP का कैंडल मार्च

कृषि कानूनों के आए हुए एक साल पूरे हो गए हैं. किसान आंदोलन के चलते पंजाब और यूपी की सियासी तपिश भी बढ़ी है. कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' तो आम आदमी पार्टी पंजाब भर में कैंडल मार्च निकाल रही है. अकाली दल प्रमुख  सुखबीर बादल खुब मार्च की अगुवाई कर सियासी संदेश देने की कोशिश की है.

कृषि कानून के विरोध में अकाली दल का मार्च, सुखबीर बादल भी हुए शामिल कृषि कानून के विरोध में अकाली दल का मार्च, सुखबीर बादल भी हुए शामिल
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST
  • कृषि कानून के आए हुए एक साल पूरे हो गए हैं
  • अकाली दल ने 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' निकाला
  • आम आदमी पार्टी पंजाब में कैंडल मार्च निकाल रही

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के एक साल पूरे हो गए है. इन्हीं कृषि कानूनों के लेकर पंजाब से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन दिल्ली और देश के दूसरे राज्यों तक फैल गया है. किसान आंदोलन के चलते पंजाब और यूपी की सियासी तपिश भी बढ़ी है. कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' तो आम आदमी पार्टी पंजाब भर में कैंडल मार्च निकाल रही है. 

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कृषि कानूनों को लेकर सबसे ज्यादा पंजाब-हरियाणा और पश्चिम यूपी में देखने को मिल रही है. अगले साल शुरू में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने है, जिसे देखते हुए राजनीतिक दल किसानों को अपने-अपने खेमे में जोड़ने की कवायद में है. यही वजह है कि शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कृषि कानूनों को विरोध में शुक्रवार को 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' निकाला. 

 

'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' में शामिल होने दिल्ली आ रहे अकाली दल के कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोक दिया है. झाड़ोदा कलां बॉर्डर पर दोनों रास्ते किसान आंदोलन की वजह से बंद कर दिया गया है. पंजाब नंबर की सभी गाड़ियों को वापस लौटा दिया गया. अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध भी जताया, लेकिन सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवानों ने उनकी बात नहीं मानी.

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दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे से संसद तक मार्च तक अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला, लेकिन अकाली दल के मार्च को प्रशासन नमंजूरी नहीं दी थी. अकली चीफ सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल भी किसान मार्च की अगुवाई कर बड़ा सियासी संदेश दिया और पंजाब की सियासी समीकरण साधने का दांव चला. हालांकि, पंजाब के मोगा में सुखबीर बादल की चुनावी रैली के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर किसान संगठन नाराज चल रहे हैं, जिन्हें मनाने के लिए अकाली दल जुटा हुआ है.

आम आदमी पार्टी का कैंडल मार्च 

पंजाब में नंबर दो की हैसियत से उठकर नंबर वन बनने के लिए आम आदमी पार्टी किसानों का दिल जीतने की हरसंभव कोशिश में जुटी है. कृषि कानूनों को लेकर शुरू से आम आदमी पार्टी सख्त तेवर अख्तियार कर रखा है. कृषि कानून के एक साल पूरे होने पर आम आदमी पार्टी शुक्रवार को पंजाब भर में कैंडल मार्च निकालकर आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को श्रद्धांजलि भेंट करेगी. 

आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसानों में नाराजगी है. इन्हीं कानूनों के विरोध में देश के किसान एक वर्ष से धरने पर डटे हैं और कुर्बानियां दे रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब की मौजूदा कैप्टन सरकार की सहमति से ही केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून बनाकर कृषि, किसान और अन्य सभी निर्भर वर्गों की आर्थिक बर्बादी की इबारत लिखी. ऐसे में आम आदमी पार्टी इन कानूनों के विरोध में पंजाब भर में कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताएगी. 

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