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किसान पंचायत: जावड़ेकर बोले- किसानों के बीच जाएगी सरकार, विपक्ष कर रहा दुष्प्रचार

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम पंचायत और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किसानों को बताएंगे कि इस कानून का उद्योगपति से कोई लेना देना नहीं है.

प्रकाश जावड़ेकर ने विपक्ष पर साधा निशाना (फाइल फोटो- पीटीआई) प्रकाश जावड़ेकर ने विपक्ष पर साधा निशाना (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST
  • सरकार की कोशिश, किसानों को ना हो दिक्कत
  • हम किसानों को लिखित आश्वासन देने को तैयार
  • विपक्ष आंदोलन का लाभ लेने की कर रहा कोशिश

किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आजतक के किसान पंचायत में केंद्र सरकार पर दबाव को लेकर कहा कि यह मुद्दा किसानों के हित से जुड़ा है. इसमें दबाव वाली कोई बात नहीं है. सरकार की कोशिश है कि किसानों को किसी तरह की दिक्कत ना हो.

जावड़ेकर ने कहा कि किसानों के सबसे बड़े तीन मुद्दे थे. पहला यह कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) रहनी चाहिए. पिछले 55 सालों से इस कानून को लेकर किसी सरकार ने कुछ भी लिखित नहीं दिया है. फिर भी हमारी सरकार ने कहा कि हम किसानों को लिखित में यह बताने को तैयार हैं कि उनका एमएसपी जारी रहेगा. इस साल कानून पास होने के बाद भी पंजाब में सबको एमएसपी का फायदा मिला है.    

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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दूसरा मुद्दा था कि एपीएमसी (कृषि उत्पाद बाजार समिति) बंद नहीं होनी चाहिए. केंद्र सरकार ने इसको लेकर भी स्पष्ट कर दिया कि एपीएमसी बंद नहीं होगी. अगर बाहर कोई दुकान खुलती है तो वह किसानों के लिए एक विकल्प होगी. किसान बाजार समिति या बाहर कहीं भी जा सकते है. किसान पिछले तीस सालों से यह आजादी मांग रहे थे. लेकिन पंजाब के किसानों को लगा कि यह बंद होगा. इसलिए सरकार ने लिखित रूप से बताया कि यह बंद नहीं हो रहा है. 

उन्होंने तीसरे मुद्दे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर कहा कि किसानों को आशंका है कि इसकी वजह से उनकी जमीन ना चली जाए. लेकिन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत हमने नहीं की है. 1980 में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का उद्घाटन अमरिंदर सिंह ने ही किया था. यह पंजाब समेत 15 राज्यों नें अभी भी लागू है. हमने यह स्पष्ट किया है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का सौदा सिर्फ फसल के लिए है, जमीन के लिए नहीं है.  केंद्र सरकार ने किसानों की तीनों शंकाओं का जवाब दिया है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वो आगे बढ़ें और आंदोलन खत्म करें. 

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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम पंचायत और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किसानों को बताएंगे कि इस कानून का उद्योगपति से कोई लेना-देना नहीं है. किसानों के कानून को लेकर हमने कोई नई चीज नहीं की है. कांग्रेस के राज्यों में इसे पहले ही लागू कर दिया गया है. किसान की आड़ में कई लोग आंदोलन का गलत दुरुपयोग कर रहे हैं. मैं किसानों से कहूंगा कि वो ऐसे लोगों से सावधान रहें. 

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसानों का आंदोलन खत्म हो. किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बैठक हुई और हमारी तरफ से उन्हें समझाने की कोशिश की गई है. मेरा मानना है कि किसान, सरकार की बात समझेंगे, क्योंकि हमने उनके सामने खुलकर अपनी बात रखी है. कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी दल अब किसान आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. 

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