
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A. गठबंधन की महाराष्ट्र के मुंबई में बैठक हुई. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठक के मेजबान थे, लेकिन इस बार ड्राइविंग सीट पर लालू यादव नजर आए. पटना में हुई पहली बैठक में नीतीश कुमार और बेंगलुरु की दूसरी बैठक में मेजबान कांग्रेस अगुवा के रूप में नजर आई थी. मुंबई की बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदुओं से लेकर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस तक गौर करें तो विपक्षी गठबंधन की लाइन कमोबेश वही नजर आई, जो लालू कुछ दिन पहले से ही बता रहे थे.
सबसे पहले बात कर लेते हैं संयोजक की. लालू यादव ने बिहार के गोपालगंज जिले के अपने पैतृक गांव में नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने के सवाल पर कहा था कि एक नहीं अनेक संयोजक बनाए जाएंगे. मुंबई की बैठक के बाद कोऑर्डिनेशन कमेटी के 14 सदस्यों के नाम सामने आए. बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने भी साफ कहा कि गठबंधन को अभी संयोजक की जरूरत नहीं है.
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जानकार कहते हैं कि कोऑर्डिनेशन कमेटी का ऐलान और संयोजक की जरूरत नहीं है, ये बयान संकेत हैं कि गठबंधन अब अनेक संयोजक वाले फॉर्मूले पर आगे बढ़ गया है. गठबंधन के घटक दलों के बीच समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी कोऑर्डिनेशन कमेटी की ही होगी. 14 सदस्यों वाली इस कमेटी में जेडीयू से ललन सिंह हैं तो तेजस्वी यादव भी. मतलब ये कि आरजेडी और जेडीयू के बीच बात बराबरी की है.
राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई कहते हैं कि मुंबई मीटिंग में खास बात ये रही कि पार्टियों की संख्या बढ़ी ही, कम नहीं हुई. दूसरा ये कि कोई भी चीज किसी पर थोपी नहीं गई. कोऑर्डिनेशन कमेटी हो या अन्य कमेटियां, किस दल से कौन रहेगा इसे लेकर उसी दल से नाम मांगा गया. ऐसे मुद्दों को अभी किनारे रखा गया जिन पर सहमति बना पाना कठिन है. इसमें एक बात ये भी साफ हो गई कि अघोषित ही सही, कांग्रेस ही गठबंधन की ड्राइविंग फोर्स होगी.
दूसरा पहलू ये भी है कि लालू यादव ने पटना की बैठक के बाद राहुल गांधी से अपने चिर-परिचित मजाकिया अंदाज में कहा था- आप दूल्हा बनिए, हम सब लोग बाराती बनने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस के नेताओं ने इसे प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से जोड़ दिया था. अब कोऑर्डिनेशन कमेटी पर भी लालू के इस बयान की छाप नजर आ रही है. 14 सदस्यों की लिस्ट में सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल का नाम है. वेणुगोपाल के बाद दूसरे नंबर पर शरद पवार का नंबर आता है. ये इस बात का संकेत तो नहीं कि कांग्रेस ही विपक्षी गठबंधन की अगुवा होगी?
लालू यादव ने बिहार से मुंबई के लिए रवाना होते समय साफ कर दिया था कि हमलों के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे. वह भी ऐसे समय में जब विपक्षी गठबंधन की रणनीति को लेकर खबरें आई थीं कि नरेंद्र मोदी को टारगेट करने की जगह जनता से जुड़ी समस्याओं पर फोकस किया जाएगा. विपक्षी बैठक के बाद लालू यादव से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी तक के निशाने पर पीएम मोदी रहे.
मुद्दों पर भी लालू यादव की छाप
मुंबई की बैठक के बीच लालू यादव का एक ट्वीट आया. लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि अपने-अपने इगो को भूल जाना है. I.N.D.I.A. के मायने हैं कि हम सभी देश की रक्षा के लिए एकजुट हों और गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई हटाएं. हमारा फर्ज है कि देश की एकता, अखंडता, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए साथ मिलकर लड़ें.
विपक्षी बैठक के बाद जब साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, लगभग हर वक्ता ने संविधान और लोकतंत्र की बात की. गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे भी छाए रहे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी गरीबों के लिए कभी काम नहीं करेंगे. कुल मिलाकर मुद्दों पर भी लालू यादव की छाप नजर आई.
लालू के ट्रैक पर गठबंधन की गाड़ी
मुंबई बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन की गाड़ी लालू के ट्रैक पर चलेगी. लालू यादव ने तीन-चार राज्यों के लिए एक कमेटी बनाने की बात की थी. अब हर राज्य के लिए राज्य स्तर पर कमेटी बनाने की बात चल रही है. एक नहीं अनेक संयोजक बनाने की बात लालू ने कही थी तो अब लगता है कि संयोजन की जिम्मेदारी कोऑर्डिनेशन कमेटी ही निभाएगी जिसमें 14 सदस्य हैं.
लालू ने गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई की बात की और संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं के संबोधन पर भी इसकी छाप साफ नजर आई. मुंबई बैठक के बाद एक तरह से ये साफ हो गया है कि विपक्षी गठबंधन की रणनीति प्रधानमंत्री को निशाने पर रखने के साथ ही गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को धार देने की होगी.