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'POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद बंगाल ने...', कोलकाता कांड पर ममता बनर्जी को केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का पत्र

कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर बड़ी मांग की थी. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बलात्कार के अपराधियों को सजा के साथ-साथ कड़े कानून की मांग की थी. इस चिट्ठी के जवाब में अब महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है और रेप मामलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया है.

ममता बनर्जी को केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का पत्र ममता बनर्जी को केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का पत्र
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या मामले के बाद से हंगामा मचा हुआ है. सीबीआई मामले की जांच में जुटी है और गिरफ्तार किए गए आरोपी समेत कई लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करा चुकी है. उधर, बीजेपी लगातार बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है. बीजेपी नेता ममता बनर्जी से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी के जवाब में एक पत्र लिखा है और रेप मामलों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया है.

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दरअसल, कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर बड़ी मांग की थी. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बलात्कार के अपराधियों को सजा के साथ-साथ कड़े कानून की मांग की थी. देश भर में बलात्कार के मामलों की नियमित घटना पर ध्यान देते हुए, सीएम ममता बनर्जी ने चिट्ठी में लिखा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, लगभग 90 बलात्कार के मामले प्रतिदिन होते हैं. कई मामलों में, बलात्कार पीड़ितों की हत्या भी कर दी जाती है.

ममता बनर्जी की चिट्ठी के जवाब में लेकर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पत्र लिखकर कहा, “फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के संबंध में, बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों के शीघ्र परीक्षण और निपटान के लिए समयबद्ध तरीके से एक केंद्र प्रायोजित योजना (60:40 शेयरिंग आधार) यानी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSCs) योजना अक्टूबर 2019 में शुरू की गई थी. 30.06.2024 तक 409 POCSO कोर्ट्स सहित 752 FTSCs 30 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में कार्यात्मक हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत से 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है. इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल राज्य को कुल 123 FTSCs आवंटित किए गए थे, जिसमें 20 POCSO कोर्ट और 103 संयुक्त FTSCs शामिल हैं, जो बलात्कार और POCSO अधिनियम दोनों मामलों से निपटते हैं. हालांकि, इनमें से कोई भी कोर्ट जून 2023 के मध्य तक चालू नहीं हुई थी." 

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पत्र में केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल ने 08.06.2023 के पत्र के माध्यम से योजना में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की, जिसमें 7 FTSC शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई गई. संशोधित लक्ष्य के तहत, पश्चिम बंगाल को 17 FTSC आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 30.06.2024 तक केवल 6 POCSO अदालतें चालू हो पाई हैं. पश्चिम बंगाल में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद राज्य सरकार ने शेष 1 FTSC को शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. इस संबंध में कार्रवाई राज्य सरकार के पास लंबित है.” 

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