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महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए सिरदर्द बने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के विवादित बायन बीजेपी को खासा नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इस समय कोश्यारी से जुड़े विवाद बीजेपी को असमंसज में डाल रहे हैं. ना खुलकर उनका विरोध हो पा रहा है और ना ही पार्टी समर्थन की स्थिति में आ रही है.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
कमलेश सुतार
  • मुंबई,
  • 28 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

महाराष्ट्र की राजनीति में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान रोज नए सियासी भूकंप लाने का काम कर रहे हैं. उनका हर कदम इस समय सिर्फ उन्हें विवादों के और करीब लाने का काम कर रहा है. अब विवाद कोश्यारी के बयानों से हो रहा रहा है, लेकिन मुश्किल बीजेपी की बढ़ती जा रही है. हर विवादित बयान बीजेपी से सफाई की मांग कर रहा है. इस स्थिति में पार्टी बीच मझधार में फंस गई है. वो ना खुलकर विरोध कर पा रही है और ना ही खुलकर समर्थन में उतर पा रही है. 

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भगत सिंह कोश्यारी के कुछ बयानों पर नजर डालें तो पता चलता है कि उनसे जुड़े हर विवाद ने एक तरफ सत्ता गंवाने वाले उद्धव ठाकरे को आक्रमक होने का मौका दिया है तो वहीं हाल ही में राज्य में सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे को सवालों में ला दिया है. सबसे पहले सवित्रि बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी में हुए एक कार्यक्रम में कोश्यारी ने महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के बाल विवाद को लेकर एक विवादित बयान दिया था. वो विवाद ठंडा पड़ता उससे पहले औरंगाबाद में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. उनका विवादों का सिलसिला यही नहीं थमा, उनकी तरफ से गुजराती और मराठी समुदाय को लेकर अजीबोगरीब बात कह दी गई. कह दिया गया कि अगर ये दो समुदाय मुंबई छोड़ दें तो मायानगरी आर्थिक शक्ति नहीं रहेगी.

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उनके इन्हीं बयानों ने बीजेपी को असमंजस में डाल दिया है. उनका हर विवादित बयान उनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए केंद्र को मजबूर कर रहा है. दुविधा इस बात की भी है कि एक समय बीजेपी कोश्यारी के फैसलों के साथ खड़ी थी. उनके बयानों का भी बचाव कर रही थी. फिर चाहे 2019 में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलवाना रहा हो या फिर हर बार महा विकास अघाड़ी की सरकार के साथ उनकी तकरार. कोरोना काल में जब मंदिरों को खोलने का मुद्दा गरमाया था तब राज्यपाल ने खुद उद्धव को चिट्ठी लिख एक नया विवाद खड़ा कर दिया था. कहा गया था कि क्या उद्धव सेकुलर बन गए हैं? बाद में जब उद्धव की सत्ता गई और एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाई, तब कोश्यारी का उनको मिठाई खिलाना भी विपक्ष को निशाना साधने का मौका दे गया था. ऐसे में जो भगत सिंह कोश्यारी पहले अपने फैसलों से बीजेपी को खुश रख रहे थे, अब उनके विवादित बयान उसका उल्टा असर पार्टी पर करते दिख रहे हैं.

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