
एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक झटका दे रहे हैं. एकनाथ शिंदे ने बगावत कर पिछले साल उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता छीनी थी. अब चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना और पार्टी सिंबल धनुष-बाण से भी हाथ धो बैठे हैं. हालांकि, इस फैसले के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला किया है.
उधर, चुनाव आयोग के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे गुट के हौसले बुलंद हैं. विधान भवन में शिवसेना के जिस दफ्तर पर कभी उद्धव ठाकरे का दबदबा होता था, सोमवार को वह भी उनके हाथ से निकल गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में शिवसेना के राष्ट्रीय दफ्तर, बीएमसी में शिवसेना के दफ्तर समेत तमाम संपत्तियां भी उद्धव गुट के हाथ से फिसल सकती हैं.
संपत्ति से लेकर दफ्तरों पर कब्जे की जंग
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में शिवसेना के पास 191 करोड़ की चल -अचल संपत्ति है. सवाल है कि क्या एकनाथ शिंदे जिसे कोषाध्यक्ष बनाएंगे, उसके हस्ताक्षर से इन पैसों का संचालन होगा.यानी उद्धव ठाकरे को पार्टी चलाने के लिए पैसों को संकट होने वाला है. पूरे महाराष्ट्र में 82 जगहों पर शिवसेना के बड़े दफ्तर और मुंबई में 280 छोटे-छोटे दफ्तर हैं, जिस पर कब्जे को लेकर भी जंग होना तय है. दादर में शिवसेना का दफ्तर और पार्टी का मुखपत्र सामना के स्वामित्व को लेकर भी सवाल है.हालांकि इनका संचालन ट्रस्ट के जिम्मे है.
उद्धव बोले- गद्दारों ने पीठ में छुरा घोंपा
उधर, उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद कहा कि वे आहत हैं. गद्दारों ने मां स्वरुप शिव सेना पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा. ठाकरे ने कहा, हमने उन्हें एक परिवार माना, लेकिन हमें नहीं पता था कि वे अपनी मां को मारने के लिए सुपारी लेंगे. वे देश में तानाशाही और अराजकता लाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं उन्हें ऐसा नहीं करने दूंगा. उद्धव ने कहा कि वे हमें ठाकरे शब्द का इस्तेमाल करने से नहीं रोक सकते. उद्धव ठाकरे चाहे जितनी मर्जी ताल ठोंक लें, लेकिन सच्चाई यही है, एक के बाद एक कर उन्हें बड़े झटके लग रहे हैं. एकनाथ शिंदे बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना से उद्धव ठाकरे को तेजी से बेदखल करने में लगे हैं.
एकनाथ शिंदे बोले- हमें संपत्ति और फंड का लालच नहीं
हालांकि, सीएम एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया है कि वे उद्धव सेना की किसी भी संपत्ति पर दावा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने लालच में आकर 2019 में गलत कदम उठाया और वोटरों को धोखा दिया. शिंदे ने कहा, हमें पार्टी की संपत्ति और फंड का लालच नहीं है. हम बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इसलिए, हमने उद्धव सेना से अलग होने का कदम उठाया.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव गुट
उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है. उद्धव गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पहले ही उद्धव गुट के कार्यालय पर कब्जा किया जा चुका है. अगर सुनवाई नहीं हुई तो उनके बैंक खाते भी छीन लिए जाएंगे. सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग का आदेश सिर्फ विधान सभा के 33 सदस्यों पर आधारित है.