
मोदी सरकार की पिछले 9 साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए 20 नवंबर से 25 जनवरी तक देश भर में 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' निकाली जाएगी. इस यात्रा में सीनियर ब्यूरोक्रेट्स को भी शामिल किया जा रहा है. इसे लेकर विपक्ष ने केंद्र पर हमला बोल दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा. खड़गे ने सरकार पर संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव रैंक के अधिकारियों को "रथप्रभारी" के रूप में नियुक्त करने का आरोप लगाया. साथ ही आश्चर्य जताया कि अधिकारियों का इस्तेमाल "राजनीतिक प्रचार" में कैसे किया जा सकता है. वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसका पलटवार किया है.
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा सिर्फ़ प्रचार में ही लगी रहती है. जब उनके ख़िलाफ़ देश में एक माहौल बन रहा है, तब उन्होंने एक आदेश निकाला है कि अफ़सर, अब उनकी सरकार के प्रचार के लिए "रथ प्रभारी" बनेंगे. अब वो सरकारी काम छोड़कर सरकार की रथ यात्रा निकालेंगे. उन्होंने कहा कि इससे पहले फ़ौजियों को भी आदेश दे दिया है कि जब वो छुट्टी पर घर जाएं तो सरकारी योजनाओं का प्रचार करें. सरकारी अफ़सरों का काम रथ यात्रा निकालना नहीं है, फ़ौजी का काम सरकार का प्रचार करना नहीं है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि अफ़सरों और फ़ौजियों का इस तरह से कोई सरकार प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रही है. अपनी योजनाओं के प्रचार के लिए फ़ौजियों और अफ़सरों का इस्तेमाल मत कीजिए. भाजपा ये सब करवाकर देश को कमज़ोर कर रही है, लोकतांत्रिक सिस्टम को ख़त्म कर रही है. इसीलिए हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है और इन आदेशों को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने X (पहले ट्विटर) पर कहा कि लोक सेवकों को चुनाव में सरकार के लिए राजनीतिक प्रचार करने का आदेश कैसे दिया जा सकता है? आईएएस अधिकारी 'रथप्रभारी' होंगे. इसके साथ ही उन्होंने वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के 18 अक्टूबर के एक ऑर्डर की कॉपी शेयर की. इसमें 'रथप्रभारी' के रूप में तैनात किए जाने वाले विभिन्न सेवाओं से संबंधित संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव रैंक के अधिकारियों के नाम थे. ये यात्रा देश के 765 जिलों की 2.69 लाख ग्राम पंचायतों तक जाएगी.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पवन खेड़ा की पोस्ट शेयर करते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पीएम नरेंद्र का एक और मेगालोमैनियाक आदेश है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मुझे यह देखकर हैरानी होती है कि कांग्रेस पार्टी को योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले लोकसेवकों से क्या दिक्कत है. यदि यह शासन का मूल सिद्धांत नहीं है, तो क्या है? उन्होंने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि यह युद्धपोतों को निजी नौकाओं के रूप में उपयोग करने के विपरीत सार्वजनिक संसाधनों का उपयुक्त उपयोग है.