
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट-2022 में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर अपनी राय रखी. उनसे जब पूछा गया कि क्या नूपूर शर्मा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए तो उन्होंने उल्टा सवाल पूछ लिया कि नुपूर शर्मा को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
'ये बीजेपी का विघटनकारी एजेंडा है'
नुपूर शर्मा को लेकर ममता बनर्जी ने कहा-आपको क्या लगता है कि मुझे उनका नाम लेना चाहिए, ये गलत है कि एक नेशनल टीवी पर घृणा फैलाने वाले का नाम लिया जाए. बेहतर ये है कि उनका नाम लेने से किनारा किया जाए. ये बीजेपी की साजिश है और उसकी घृणा फैलाने और बांटने की राजनीति का हिस्सा है.
क्यों नहीं गिरफ्तार होनी चाहिए नुपूर शर्मा?
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी सरकार नुपूर शर्मा को गिरफ्तार करना चाहती है? इस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि नुपूर शर्मा को क्यों गिरफ्तार नहीं होना चाहिए? आप अभी ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अदालत ने इस पर कुछ टिप्पणी की है, लेकिन ये अभी की बात नहीं है. हमने पहले भी इस तरह का एक मामला दर्ज किया है, जिसमें एक फेक वीडियो में बांग्लादेश की किसी घटना को पश्चिम बंगाल की घटना बताया गया था. तब भी नुपूर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
ममता ने कहा- अब आप पूछ रहे हैं कि क्यों गिरफ्तार नहीं होना चाहिए? तो मैं बता दूं कि आप इस देश में आग के साथ नहीं खेल सकते. इस देश में सब लोग साथ हैं और अगर आप लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते, तो आप खुद पर भरोसा कैसे करेंगे.
परिवारवाद पर भी बोलीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की राजनीति में परिवारवाद के आरोप पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यहां कोई डायनेस्टी नहीं है. अभिषेक बनर्जी के जीतने पर लोगों को बुरा क्यों लगता है. वो दो बार जीत कर आए हैं तो इसमें बुरा क्या है. उन्हें लोगों ने चुना है. हम नए लोगों को राजनीति में लाना चाहते हैं. इसमें बुरा क्या है. लोग चुनकर भेजते हैं उन्हें.
अखिलेश भी तो आए हैं चुनाव जीतकर. वो भी तो मुलायम सिंह के बेटे हैं. पर लोगों ने चुनकर भेजा है. इसमें क्या दिक्कत है. जब इंदिरा गांधी गिरफ्तार हुई थीं, तब मैं युवा थी. हमने सड़कों पर रैलियां निकाली थी. यहां कोई डायनेस्टी है. राजनीति में नए लोगों का आना जरूरी है. पूरे देश में ऐसे कई लोग और पार्टियां हैं, जहां पर युवा चुनकर आ रहे हैं. इसमें कुछ बुरा नहीं है.