
फरवरी महीने में दिल्ली में हुए दंगों की जांच कर रही पुलिस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट से राजनीतिक तूफान मच गया है. चार्जशीट में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव समेत कुछ राजनीतिक और सामाजिक नेताओं के नाम हैं. इन नामों को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी बयान आया है. ममता ने कहा है कि जिन लोगों ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया, उन पर आरोप लगाए गए हैं, यह ठीक नहीं है. कानून का पालन होना चाहिए.
ममता बनर्जी ने कहा, पहले उन्होंने येचुरी, योगेंद्र यादव का नाम लिया. मैं आग्रह करना चाहती हूं... सब लोग जानते हैं कि दंगे हुए... जिन लोगों ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया, उन पर आरोप मढ़ दिए गए. यह सही नहीं है... कानून का सही ढंग से पालन होना चाहिए. क्या लोग नहीं देख रहे कि वे क्या कर रहे हैं, हर दिन फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं. वे लोग कोविड के नियमों का भी पालन नहीं करते. उनका कहना है कि कोविड अब खत्म हो गया है. बता दें, ममता बनर्जी का इशारा बीजेपी नेताओं पर था.
दिल्ली पुलिस ने साफ किया है कि सीताराम येचुरी और योगेंद्र यादव दंगों के आरोपी नहीं हैं लेकिन सप्लीमेंट्री चार्जशीट में उनके नाम लिखे जाने पर सियासी सवाल उठ रहे हैं. खुद येचुरी और योगेंद्र यादव ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को राजनीतिक बताया है, जबकि पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम समेत विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार को घेरा है. पूरा विपक्ष दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रहा है. अब ममता बनर्जी भी सीताराम येचुरी और योगेंद्र यादव के पक्ष में खड़ी हो गई हैं.
इसी के साथ ममता बनर्जी ने सोमवार को कई ऐलान किए. ममता बनर्जी ने कहा कि वे सभी भाषाओं का सम्मान करती हैं, इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार हिंदी अकादमी और दलित साहित्य अकादमी का गठन करेगी. एक अन्य घोषणा में ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि उनकी सरकार प्रदेश के 8 हजार सनातन ब्राह्मण साधुओं को हर महीने 1 हजार रुपये और मुफ्त आवास उपलब्ध कराएगी.