
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर दिए एक बयान के बाद सियासी भूचाल सा आ गया है. जहां इस बयान को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी पर पलटवार किया. वहीं, AIMIM, कांग्रेस और सीपीएम जैसी पार्टियां भी ममता बनर्जी के खिलाफ हमलावार हो गईं. बीजेपी ने यहां तक कह दिया कि हमें ममता बनर्जी से किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.
दरअसल, ममता बनर्जी ने हाल ही में बीजेपी पर निशाना साधते हुए RSS की तारीफ की थी. ममता ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि RSS इतनी बुरी है. संघ में अभी कुछ लोग हैं जो बीजेपी की तरह नहीं सोचते. एक दिन यह सब्र टूटेगा. ममता का ये बयान न तो बीजेपी को रास आया, न ही विपक्ष के गले के नीचे उतरा.
AIMIM चीफ ओवैसी ने साधा निशाना
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ममता बनर्जी भारत और बंगाल के लोगों को बेवकूफ बनाएंगी. वे आरएसएस की तारीफ कर रही हैं. आरएसएस हिंदू राष्ट्र चाहता है. इसका इतिहास मुस्लिम विरोधी घृणा अपराधों से भरा है. ओवैसी ने कहा, ममता ने गुजरात नरसंहार के बाद संसद में भाजपा सरकार का बचाव किया था. उम्मीद है कि टीएमसी के मुस्लिम चेहरे उनकी ईमानदारी और निरंतरता के लिए उनकी प्रशंसा करेंगे. ओवैसी ने कहा, ममता ने 2003 में संघ को देशभक्त कहा था, इसके बदले में उन्हें आरएसएस ने दुर्गा बताया था.
वहीं, टीएमसी ने ओवैसी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें ओवैसी के सामने अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को साबित करने की जरूरत नहीं है. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, ममता यह कहना चाह रही थीं कि सभी संगठनों में अच्छे या बुरे लोग होते हैं.
कांग्रेस-सीपीआई (एम) ने भी साधा निशाना
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह पहली बार नहीं है कि जह ममता बनर्जी ने संघ की तारीफ की है. ममता बनर्जी पहले अटल बिहारी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रही हैं. उन्होंने कहा, 2003 में भी ममता बनर्जी संघ की किताब रिलीज होने के कार्यक्रम पर गई थीं. उन्होंने तब लेफ्ट सरकार गिराने के लिए संघ की मदद मांगी थी. चौधरी ने कहा, चुनावी लाभ पाने के लिए कभी वह हिंदू कट्टरपंथियों और कभी मुस्लिमों को बहलाती हैं. उन्होंने कहा, ममता बनर्जी फिर बेनकाब हो गई हैं.
सीपीआई (एम) भी ममता बनर्जी पर निशाना साधने में पीछे नहीं रही. सीपीआई (एम) के नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया कि ममता का बयान लेफ्ट पार्टी के उस स्टैंड पर मुहर लगाता है, कि वे आरएसएस का ही प्रोडक्ट हैं. यह एक बार फिर स्पष्ट है कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में टीएमसी भरोसेमंद नहीं है.
संघ और आरएसएस ने क्या कहा?
उधर, संघ ने भी ममता द्वारा की गई तारीफ को दरकिनार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में राजनीतिक हिंसा रोकने पर काम करना चाहिए. संघ के बंगाल महासचिव जिश्नू बसू ने कहा, ममता ने कहा है कि आरएसएस में कुछ अच्छे लोग हैं. हम उन्हें बताना चाहते हैं कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि विपक्षियों की हत्या की जाए. बसू ने दावा किया है कि चुनाव से पहले हिंसा में 60 लोगों की हत्या की गई. उन्होंने कहा, ममता बनर्जी को राज्य में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए.
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि न ही आरएसएस को और न ही बीजेपी को ममता बनर्जी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा, हमें ममता बनर्जी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है कि हम सही या हैं या गलत. यह लोगों को तय करने दीजिए.