
18 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी तापमान बढ़ गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रही हैं. उनकी तरफ से कल दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बुलाई गई बैठक में कई नेता शामिल होने वाले हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी वहां अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकते हैं. वे ममता बनर्जी का साथ देने का ऐलान कर चुक हैं.
कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी ने 22 विपक्षी दलों को पत्र लिख एकजुट होने के लिए कहा था. वे राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बीजेपी के सामने एकजुट विपक्ष की तस्वीर पेश करना चाहती हैं. इसी वजह से गुरुवार को ये बैठक बुलाई गई है जिसमें कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे भी शिरकत कर सकते हैं. वैसे ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल विधानसभा में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद से ही विपक्ष को एकजुट करने में लगी हुई हैं. उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हो चुकी है, शरद पवार से उनकी बात हुई है. दूसरे नेताओं को भी वे समय-समय पर पत्र लिख साथ लाने का प्रयास कर रही हैं. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर होने जा रही इस बैठक को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है. ममता बनर्जी ने तो शरद पवार से एक मुलाकात कर भी ली है.
वैसे कांग्रेस और शिवसेना एनसीपी प्रमुख शरद पवार को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहती है. कहा जा रहा है कि उन्हें विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है. लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी पवार इस ऑफर के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसी खबर है कि उन्होंने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है. उनकी तरफ से ममता बनर्जी के ऑफर को भी ठुकरा दिया गया है. शरद पवार ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनने से अपना नाम ऐसे वक्त पर वापस लिया, जब हाल ही में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना के संजय पवार को हराकर 6वीं सीट पर जीत हासिल की. बीजेपी को कई ऐसे निर्दलीय विधायकों ने वोट किया, जो शिवसेना को समर्थन देने का वादा कर रहे थे.
अभी इस समय विपक्ष का एक ऐसा खेमा भी है जो संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की पैरवी तो कर रहा है, लेकिन वो किसी कांग्रेसी को उस पद पर नहीं देखना चाहता. जैसे थर्ड फ्रंट को लेकर चर्चा रहती है, इसी तरह इस बार किसी अन्य दल के व्यक्ति को संयुक्त उम्मीदवार बनाने पर भी मंथन चल रहा है. इस लिस्ट में आम आदमी पार्टी, TRS जैसी पार्टियां शामिल हैं.
ऐसी भी खबर आई है कि एनसीपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद का नाम राष्ट्रपति चुनाव के लिए आगे किया. एनसीपी चाहती है कि आजाद विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बन जाए. इस पर अभी तक कांग्रेस ने अपनी राय स्पष्ट नहीं की है. वैसे लेफ्ट को लेकर कहा जा रहा है कि वो कांग्रेस द्वारा समर्थन दिए जाने वाले किसी उम्मीदवार के साथ ही जाने वाली है. उनके मुताबिक विपक्ष में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत है, नंबर गेम में भी वो आगे चल रही है.