Advertisement

'केंद्र में सरकार गिरी तो राज्यों में क्या होगा?', वन नेशन-वन इलेक्शन पर बोलीं ममता बनर्जी

वन नेशन-वन इलेक्शन के कार्यान्वयन के लिए सुझाव मांगने वाली एक उच्च-स्तरीय समिति के सचिव डॉ नितेन चंद्रा को पत्र भेजने के कुछ घंटों बाद बनर्जी ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से इस मामले को बहुत तर्कसंगत रूप से देखने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि भारत के संघीय ढांचे के मुताबिक 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का विचार व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.

ममता बनर्जी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन लागू करना संभव नहीं है (फाइल फोटो) ममता बनर्जी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन लागू करना संभव नहीं है (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि भारत के संघीय ढांचे के मुताबिक 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का विचार व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में अलग-अलग राज्य हैं और चुनाव का समय अलग-अलग है. मुझे कोई समस्या नहीं है, हमें कम प्रयास करना होगा. लेकिन दिक्कत ये है कि अगर किसी राज्य को बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा. क्या केंद्र में सरकार गिरने से बाकी सभी राज्य गिर जायेंगी? आखिर क्या होगा?

Advertisement

पीटीआई के मुताबिक वन नेशन-वन इलेक्शन के कार्यान्वयन के लिए सुझाव मांगने वाली एक उच्च-स्तरीय समिति के सचिव डॉ नितेन चंद्रा को पत्र भेजने के कुछ घंटों बाद बनर्जी ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से इस मामले को बहुत तर्कसंगत रूप से देखने का अनुरोध किया.

ममता बनर्जी ने बंगाल सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मैं व्यावहारिक रूप से इसकी सराहना नहीं करती क्योंकि यह संभव नहीं है, स्वीकार्य नहीं है और संघीय ढांचे के दृष्टिकोण से सही नहीं है. मैं चुनाव आयोग से इसे बहुत ईमानदारी से देखने का अनुरोध करूंगी, उन्हें विशेष रूप से इस पर बहुत तर्कसंगत होना होगा."

उन्होंने आगे कहा, "यह न केवल हमारी आवाज है बल्कि भारत की आवाज है. हमें अपनी राज्य की नीति, केंद्रीय नीति, राज्य संरचना, हमारी संघीय संरचना को देखना चाहिए."

Advertisement

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर इस मामले पर उनकी राय मांगी थी. पिछले साल सितंबर में गठन के बाद से समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं. समिति ने इस मुद्दे पर जनता से विचार मांगे हैं और राजनीतिक दलों को भी पत्र लिखकर एक साथ चुनाव के विचार पर परस्पर सहमत तिथि पर उनके विचार और राय मांगी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement