
मेघालय चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. त्रिशंकु विधानसभा की वजह से सीएम संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है. उनकी तरफ से सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा गया है. इस समय मेघालय में एनपीपी के पास 25 सीटें हैं, बीजेपी के खाते में 4 सीटे हैं. ऐसे में अगर दो अन्य का समर्थन मिल जाए तो सरकार बनाने का रास्ता साफ हो सकता है.
उसी कड़ी में मुख्यमंत्री संगमा ने चुनावी नतीजों को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है. खुलकर सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा गया है. यानी कि एक बार फिर राज्य में एनपीपी और बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार बन सकती है. जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय चुनाव के लिए बीजेपी अकेली चुनावी मैदान में उतरी थी. उसने किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया गया था. नारा भी दिया गया था कि इस बार मेघालय में भी पूर्ण बहुमत वाली सरकार. लेकिन नतीजे बता रहे हैं कि बीजेपी को ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. पिछले विधानसभा में उसे दो सीटें मिली थीं, तो इस बार वो आंकड़ा 4 पर पहुंच गया है. कांग्रेस ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए अभी 5 सीटों पर अपनी बढ़त बना रखी है.
अगर मेघालय में बीजेपी, एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बना लेती है तो तीनों ही पूर्वोत्तर के राज्यों में भगवा का कब्जा होगा. त्रिपुरा और नगालैंड में तो स्पष्ट जनादेश आ चुका है. दोनों ही राज्यों में बीजेपी गठबंधन सरकार बना रही है. मेघालय में बात बन जाए तो ये राज्य भी बीजेपी की झोली में चला जाएगा. वैसे पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी मेघालय में ऐसी ही स्थिति बनी थी. किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था.
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसके खाते में 21 सीटें गई थी. बहुमत से तो पार्टी दूर रह गई, लेकिन सीटों के मामले में बीजेपी से कोसो आगे रही. उस चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीती सिर्फ दो सीट थी. वहीं दूसरी तरफ एनपीपी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बताया जाता है कि तब हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बड़ा खेल करते हुए चुनाव के बाद एनपीपी से संपर्क साधा और बीजेपी के साथ सरकार बनाने का ऑफर दिया. उसके बाद से राज्य के सीएम कोनराड संगमा बने और बीजेपी को दो सीटों के बावजूद सरकार में आने का मौका मिल गया.