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'पेपर पढ़कर ही सारे जवाब देंगे, इन मंत्री को क्लास में भेजना...', संसद में भड़कीं जया बच्चन

राज्यसभा में राज्य मंत्री संजय सेठ पेपर देखकर सवालों के जवाब दे रहे थे, इस पर सपा सांसद जया बच्चन ने आपत्ति जताते हुए उन्हें तैयारी करने आने की सलाह दे डाली. हालांकि उपसभापति ने माहौल को हल्का करने के लिए कहा कि यह सिर्फ जया बच्चन का सुझाव है.

सपा सांसद जया बच्चन सपा सांसद जया बच्चन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST

बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू हो चुका है और दौरान राज्यसभा में प्रश्न काल के वक्त हंगामा देखने को मिला. विपक्षी सांसदों के सवालों के जवाब में रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री संजय सेठ ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) के मुद्दे पर बयान दिया. इस बीच सपा सांसद जया बच्चन नाराज हो गईं. उन्होंने आसन के जरिए मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि क्या आप सारे सवालों के जवाब पढ़कर ही देंगे, तैयारी करके आना चाहिए था. इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह जया बच्चन का सवाल नहीं है बल्कि उन्होंने अपना विचार रखा है.

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'इनको क्लास में भेजना चाहिए'

इसके बाद जया बच्चन अपनी सीट पर बैठ गईं. लेकिन उन्हें कहते सुना गया कि इनको ओरिएंटेशन क्लास में भेजना चाहिए. मंत्री संजय सेठ ने सवाल के जवाब में कहा कि OROP के तहत अब तक एक लाख 24 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. उन्होंने कहा यह स्कीम लागू होने के बाद पुराने और नए रिटायर्ड सैनिकों की पेंशन का अंतर काफी कम हुआ है. सैनिकों की सभी मांगों को इस योजना के तहत सुलझा दिया गया है.

इसके अलावा लोकसभा में भी नई शिक्षा नीति पर जवाब के दौरान हंगामा देखते को मिला. डीएमके सांसद कनिमोझी ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर तमिलनाडु के लोगों को असभ्य कहने का आरोप लगाया और उनके बयान की निंदा की. डीएमके सांसद ने कहा कि हमें नई शिक्षा नीति में तीन भाषाओं की नीति कतई मंजूर नहीं है और इसके लिए तमिलनाडु के सीएम ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है. 

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मंत्री के बयान से नाराज कनिमोझी

कनिमोझी के आरोप का जवाब देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगर मेरी किसी बात से दुख पहुंचा है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. इसके बाद चेयर की ओर से बताया गया है मंत्री के बयान के उस हिस्से को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. हालांकि इसके बाद भी डीएमके समेत तमाम विपक्षी सांसद सदन में हंगामा करते रहे.

दरअसल शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति में भाषा विकल्प पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस शासित कई राज्य इसे अपना चुके हैं. उन्होंने कहा कि डीएमके बेईमान है और इन्हें तमिलनाडु के छात्रों की कोई चिंता नहीं है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये लोग सिर्फ भाषा विवाद खड़ा करना चाहते हैं और सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि डीएमके अलोकतांत्रिक और असभ्य है और ये लोग तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं. 

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