
मोदी कैबिनेट का बुधवार को विस्तार किया गया. कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली. नए मंत्रियों में सबसे ज्यादा 7 उत्तर प्रदेश और फिर गुजरात और कर्नाटक से 5 मंत्रियों को शामिल किया गया है. इसके अलावा महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से 4,
बिहार से 3 मंत्रियों को शामिल किया गया है. वहीं मध्यप्रदेश, असम और ओडिशा से 2-2 मंत्री टीम मोदी का हिस्सा हैं.
मोदी मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण साधने की कोशिश भी की गई है, जिसमें पिछड़ी जाति यानी ओबीसी नेताओं का खास ख्याल रखा गया है. 15 राज्यों से 27 OBC के मंत्री है. 8 राज्यों से 12 दलित मंत्री, 8 राज्यों से 8 आदिवासी मंत्री, 5 राज्यों से 5 अल्पसंख्यक मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.
विस्तार से पहले मोदी कैबिनेट की औसत उम्र 61 साल थी, जो अब घटकर 58 हो गई है. 14 मंत्री 50 साल से कम उम्र के हैं. इनमें से 6 को कैबिनेट का दर्जा दिया गया है. 46 मंत्री ऐसे हैं जो पहले केंद्र में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 23 मंत्री कम से कम तीन बार सदस्य रहकर कम से कम 10 साल तक संसदीय कामकाज का अनुभव रखते हैं
मोदी कैबिनेट विस्तार में जिस तरह से पुराने चेहरे को हटाकर नए और युवा चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, इससे साफ जाहिर है कि बीजेपी भविष्य के लिए लीडरशिप तैयार कर रही है. मोदी सरकार में पहली बार जीतकर आए एक दर्जन युवा नेताओं को कैबिनेट में जगह दी है. आने वाले समय में यही नेता चेहरा बनेंगे और पार्टी को आगे ले जाने का काम करेंगे.
पश्चिम बंगाल में चार चेहरो को शामिल किया है, जिनमें दो मंत्री ऐसे है जिनकी उम्र 40 साल से कम है जबकि एक मंत्री की उम्र 45 साल है. बंगाल के नीसिथ प्रमाणिक सबसे कम उम्र के मंत्री हैं और वो महज 35 साल के हैं. वहीं, बंगाल के ही शांतनु ठाकुर की उम्र महज 38 साल है. तमिलनाडु से एल मुर्गन को जगह दी गई है, जिनकी उम्र 44 साल है.
महाराष्ट्र की डॉ. भारती प्रवीण पवार को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है, जिनकी उम्र 42 साल है. वहीं प्रमोशन पाकर कैबिनेट मंत्री बनने वाले अनुराग ठाकुर की उम्र 46 साल, मनसुख मांडविया की उम्र 49 साल और किरण रिजिजू की भी उम्र 49 साल है.
फेरबदल में हटाए गए ज्यादातर मंत्रियों की उम्र 60 से ऊपर थी. इनमें हर्षवर्धन (66), रविशंकर प्रसाद (66), प्रकाश जावड़ेकर (70), डी.वी. सदानंद गौड़ा (68), संजय शामराव धोत्रे (62), संतोष गंगवार (72), रमेश पोखरियाल 'निशंक' (61), थावरचंद गहलोत (73), और रतन लाल कटारिया (69) शामिल हैं.