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ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- मोदी सरकार की विनिवेश नीति देश बेचने की नहीं बनाने की

राज्यसभा में वित्त विधेयक-2021 पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को कई बातों पर आड़े हाथों लिया. इसी दौरान उन्होंने मोदी सरकार की विनिवेश नीति को देश बनाने और बढ़ाने की नीति बताया, जानें क्यों कहा ऐसा सिंधिया ने...

ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो) ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST
  • ‘कांग्रेस के काल में भी हुआ विनिवेश’
  • ‘LIC के आईपीओ से पारदर्शिता आएगी’

राज्यसभा में वित्त विधेयक-2021 पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को कई बातों पर आड़े हाथों लिया. इसी दौरान उन्होंने मोदी सरकार की विनिवेश नीति को देश बनाने और बढ़ाने की नीति बताया, जानें क्यों कहा ऐसा सिंधिया ने...

‘कांग्रेस के काल में भी हुआ विनिवेश’
सदन में चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों के दौर में किए गए विनिवेश की जानकारी रखी. उन्होंने बताया कि 1991 से 96 के बीच कांग्रेस की सरकार ने 9,961 करोड़ रुपये का विनिवेश किया. इसके बाद 2004 से 2009 के बीच 8,516 करोड़ रुपये का विनिवेश किया. बाद में 2009 से 2014 के बीच सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का विनिवेश किया.

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‘क्या होनी चाहिए विनिवेश की मंशा’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार के विनिवेश की मंशा क्या होनी चाहिए. ये मूल मंत्र है. पूंजीगत संपत्ति का विनिवेश तभी होना चाहिए जिससे भौतिक और सामाजिक अधोसंरचना और मानव संसाधन का विकास हम कर पाएं. ताकि इस विनिवेश से सरकार जो निवेश करेगी उससे नई पूंजीगत संपत्ति को बना पाएं.

‘विनिवेश देश बेचने की नीति नहीं’
सिंधिया ने कहा कि मोदी सरकार की सोच है कि विनिवेश देश को बेचने की नीति नहीं होनी चाहिए बल्कि ये देश को बनाने और आगे बढ़ाने की नीति होनी चाहिए. तभी तो मोदी सरकार आपदा के समय में भी बनाने के अवसर पैदा कर रही है.

‘LIC के आईपीओ से पारदर्शिता आएगी’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने  LIC के विनिवेश पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि LIC के आईपीओ में प्रावधान किया गया है कि कंपनी के हर खाताधारक को उसमें निवेश करने का मौका मिलेगा. निजी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और LIC के संचालन में विदेशी कंपनियों की तरह पारदर्शिता और दक्षता आएगी.

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साथ ही सदन में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि आईपीओ बाद भी कंपनी पर सरकार का ही नियंत्रण ही रहेगा और सरकार की सॉवरेन गारंटी कि किसी भी विपदा की स्थिति में सरकार LIC के ग्राहकों का पैसा चुकाएगी, इसे बरकरार रखा गया है.

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