
मॉनसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं रखे जाने से विपक्ष नाराज है. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का बयान आया है. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्षी दल प्रश्नकाल और शून्य काल के बारे में सवाल उठा रहे हैं. अर्जुन राम मेघवाल, वी मुरलीधरन और मैंने इस संबंध में हर पार्टी से बात की है. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन के अलावा सभी ने प्रश्नकाल समाप्त करने पर सहमति जताई है.
उन्होंने कहा कि मैं सरकार की तरफ स्पष्ट करना चाहता हूं कि कभी भी हमने नहीं कहा कि शून्यकाल नहीं होगा. हमने तो स्पीकर और चेयरमैन को शून्यकाल के लिए 30 मिनट के समय का सुझाव दिया है. अंतिम निर्णय स्पीकर और राज्यसभा चेयरमैन द्वारा लिया जाएगा.
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अतारांकित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सरकार तैयार है. हम बहस से भाग नहीं रहे हैं और सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जैसा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने तय किया है.
बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा. इसमें कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का खासा ध्यान रखा गया है. इस सत्र के दौरान कोई भी छुट्टी नहीं होगी यानि ब्रेकलेस सेशन होगा. 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक कुल 18 बैठकें होंगी. इन बैठकों के दौरान शून्यकाल होगा. लोकसभा की कार्रवाई 14 सितंबर को पहले दिन सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चलेगी. 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक दोपहर 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक लोकसभा के सदन की बैठक होंगी.
इसी प्रकार राज्यसभा की कार्यवाही भी 14 सितंबर को दोपहर को 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे होगी. लेकिन 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक ऊपरी सदन की बैठक सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक रहेगी.