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मध्य प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ सपा ने दिखाई ताकत, राजस्थान में RLD दिखाएगी तेवर?

राजस्थान में आरएलडी पिछले चुनाव में दो सीटों पर लड़ी थी, जिनमें से एक सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार जयंत चौधरी पांच सीटों पर प्रचार कर चुके हैं. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि आरएलडी की ओर से कांग्रेस पर अधिक सीटें देने का दबाव बनाया जा रहा है.

अखिलेश यादव और जयंत चौधरी (फाइल फोटो) अखिलेश यादव और जयंत चौधरी (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 23 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. अब यूपी में सपा की सहयोगी और I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल चुनावी राज्य राजस्थान में कम से कम छह सीटों की मांग करने की योजना बना रही है. 

आंकड़ों के मुताबिक, जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी ने पिछली बार राजस्थान की दो सीटों, भरतपुर और मालपुर पर चुनाव लड़ा था, जिसमें आरएलडी ने भरतपुर सीट पर जीत हासिल की थी. आरएलडी प्रत्याशी सुभाष गर्ग ने बीजेपी से करीब 15 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. गर्ग राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कैबिनेट में भी मंत्री थे. वहीं दूसरी सीट यानी मालपुरा से आरएलडी करीब 30 हजार वोटों से हार गई. 

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हालांकि इस बार आरएलडी जो कांग्रेस के सहयोगी के रूप में राजस्थान में चुनाव लड़ रही है, उसकी नजर राज्य के जाट बहुल जिलों पर है. सूत्रों के अनुसार, राजस्थान की कुल 200 में से करीब 40 विधानसभा सीटों पर जाटों का प्रभाव है, जो एक तरह से मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी की तर्ज पर जयंत को अधिक सीटों की मांग करने का एक और कारण देता है.  

इसके अलावा, जयंत अब तक राज्य की लगभग 5 विधानसभा सीटों पर प्रचार कर चुके हैं. यूपी में आरएलडी नेताओं का मानना ​​है कि कांग्रेस से अधिक सीटें मांगने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि हर पार्टी हर चुनाव में अपना विस्तार करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, आरएलडी राजस्थान में दलित वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से मदद मांग सकती है.  

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यूपी के डिप्टी सीएम क्या बोले?

जब यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि यह गठबंधन भ्रष्ट लोगों से भरा है जो किसी भी कीमत पर सरकार बनाना चाहते हैं और यह केवल बीजेपी ही है जो सभी चुनावी राज्यों में बदलाव ला सकती है. 

सीट बंटवारे पर कांग्रेस नेता ने क्या कहा?

वहीं, राजस्थान कांग्रेस के महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने आजतक से कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने हर गठबंधन सहयोगी का सम्मान करती है, लेकिन राजस्थान में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला एआईसीसी पर निर्भर करता है.

RLD बोली- सीटों के बंटवारे पर सकारात्मक बातचीत

वहीं, आरएलडी राजस्थान में पार्टी विस्तार पर जोर दे रही है. आरएलडी के प्रवक्ता अनिल दुबे ने आजतक को बताया कि पहले पार्टी दो सीटों पर लड़ती थी लेकिन अब आरएलडी राजस्थान में अपना आधार बढ़ाने की योजना बना रही है और उसी के लिए जयंत राज्य में प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरएलडी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सकारात्मक बातचीत हो रही है. 

जहां एक ओर एमपी में सपा, कांग्रेस को ताकत दिखा रही है और अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, आरएलडी का अपनी पार्टी को मजबूत करने का यह मौका चूकने का कोई इरादा नहीं है, जब कांग्रेस I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर पहले से ही दबाव में है. 

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